जालंधर, ENS: सिख जत्थेबंदियों द्वारा आज गुरुद्वारा सिंह सभा नौंवी पातशाही गुरु तेग बहादुर नगर में मीटिंग की गई। इस मीटिंग में 40 जत्थेबंदियों ने भाग लिया। जिसमें अकाली दल के खिलाफ फैसला लिया गया। जत्थेबंदियों द्वारा कहा गया कि जो भी अकाली दल को सपोर्ट करेंगा उसे भगौड़ा करार किया जाएगा। वहीं मीडिया से बात करते हुए सुच्चा सिंह ने कहा कि जिसने भी अकाल तख्त के हुकम को डिनाय किया है, पंजाब के लोगों ने उसे कभी मुंह नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त सबसे बड़ी संस्था है, हम सभी अकाल तख्त के फैसले को मानते है। महाराजा रणजीत सिंह के दौरान भी कोई बात होती थी तो अकाल तख्त द्वारा प्रोग्राम तैयार करके अहम फैसला लिया जाता था।
उन्होंने कहा कि अकाल दल से जो भी अलग हुआ है, वहीं चाहे बूटा सिंह, ज्ञानी जैलदार सिंह या फिर बरनाला था, लेकिन पंजाब के लोगों ने उन्हें कभी मुंह नहीं लगाया। आज शिरोमणि अकाली दल ने गुनाह कबूल करने के बाद सजा को भी निभाया, लेकिन अब शिरोमणि अकाली दल के सुखबीर बादल को प्रधानगी छोड़ने के दौरान काफी तकलीफ हो रही है। उन्होंने कहा कि अकाली दल में बादल परिवार 5 बार मुख्यमंत्री रहा, 30 साल से अकाली दल के प्रधान रहे चुके हों, उनके पास सारी पॉवर हों, सारे परिवार के सदस्य नेता व मंत्री बने हों, लेकिन लगता है कि अभी भी उन्हें संतुष्टि नहीं है। सुच्चा सिंह ने कहा कि अगर अब भी इतना लालच दिखाया जाए तो संगत ऐसे लोगों को अलग किनारे कर देती है और उन्हें सजा देती है।
उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल ने अपनी गलतियों को कबूल किया है और उन्हें पंथ ने काफी कुछ दिया है। ऐसे में अब भी वक्त है कि वह पंथ की बात मानते हुए प्रधानगी से पीछे हट जाए, जो भी अकाल तख्त ने फैसला लिया है उसे मानते हुए प्रधानगी छोड़ दें। उन्होंने कहा कि लोग अकाली दल की पार्टी को पसंद करते है, अगर वह समय पर बात नहीं मानेंगे तो आने वाले समय में काफी पछताना पड़ सकता है। वहीं चंडीगढ़ में शिरोमणि अकाली दल की मीटिंग को लेकर सुच्चा सिंह ने कहा कि अकाल तख्त द्वारा 7 मैंबरी कमेटी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि जिसमें दोबारा से पार्टी को लेकर भर्ती की जाएगी। ऐसे में जो भी पार्टी में आना चाहता है तो वह आ सकता है। सुच्चा सिंह ने कहा कि किसी पर भी बैन नहीं लगाया है, उनका कहना है कि अकाल तख्त की बात मानी जाए।
अगर अकाल तख्त की एक बात आपको सही लगती है तो वह मान लोंगे लेकिन दूसरी बात नहीं मानोंगे तो पंजाब के लोगों को मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर शिरोमणि अकाली के नेता 2015 में गलतियां मान लेते तो आज यह हालत पार्टी की नहीं होती। उन्होंने कहा कि कभी अकाली दल ने सोचा था कि पांचवें नंबर पर पार्टी आ जाएगी। इस बार कई नेताओं की जमानते जब्त हो गई। वहीं भाजपा के साथ समझौते को लेकर सुच्चा सिंह ने कहा कि दोनों की वर्किंग कमेटी के परमजीत सिंह सरना ने स्पष्ट कर दिया है कि हमने उपचुनाव इसलिए नहीं लड़े क्योंकि हमारा भाजपा के साथ समझौता नहीं हुआ था।