पीड़ित पक्ष ने विदेश भेजने के नाम पर लाखों की ठगी के लगाए आरोप
जालंधर, ENS: महानगर में विदेश भेजने के नाम पर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे है। वहीं ताजा मामला विशाल मेगा मार्ट के पास बने WWICS Immigration दफ्तर से सामने आया है। जहां पीड़ित 3 महिलाओं ने इमिग्रेशन दफ्तर की कर्मी गौरी पर हाथापाई करने के आरोप लगाए है। इस दौरान महिलाओं ने कहाकि तीनों ने जनवरी 2024 में 2-2 लाख रुपए देकर कनाडा का वीजा लगवाया था। महिलाओं का आरोप हैकि दफ्तर में महिला गौरी से आज वह पैसों को लेकर बात करने आई जहां दफ्तर के कर्मी द्वारा उनके पैसे तो वापिस नहीं दिए गए बल्कि उनके साथ हाथापाई की गई। जिसके बाद तीनों महिलाएं दफ्तर की कर्मी गौरी के खिलाफ थाना बारादरी में शिकायत करने पहुंची। पीड़ित ज्योति ने कहाकि वह आजाद नगर की रहने वाली है।
उन्होंने कहा कि एक साल से कनाडा भेजने के नाम चक्कर काट रहे है। पीड़िता का कहना है कि दफ्तर के कर्मियों ने कहा कि रिफ्यूजल के पैसे उनके वापिस आ जाएंगे, लेकिन एक साल हो गया अभी तक पैसे नहीं मिले। महिला ने कहाकि उसने 2.10 लाख रुपए दिए थे। ज्योति ने कहा कि तीनों को कुल 6.30 लाख रुपए लेने थे। इस मामले को लेकर पहले फोन पर बात हुई थी, जहां दफ्तर की कर्मी गौरी ने ठीक से बात नहीं की। जिसके बाद वह दफ्तर पहुंचे जहां दफ्तर के कर्मियों ने मिलकर तीनों के साथ हाथापाई की। इस मामले को लेकर महिला ने कहा कि शुरू से उनकी गौरी शर्मा से बात हुई है, दफ्तर के मालिक के बारे में उन्हें कुछ नहीं पता।
रेखा रानी ने कहा कि वह देओल नगर की रहने वाली है और उसने भी 2.10 लाख रुपए कनाडा का वीजा लगवाने के लिए दिए थे। लेकिन एक साल हो गया उन्हें पैसे नहीं दिए गए, बल्कि उनके साथ स्टाफ कर्मियों द्वारा हाथापाई की गई। वहीं अवतार नगर की रहने वाली प्रीति ने कहा कि उसने भी 2.10 लाख रुपए देकर कनाडा के वीजा लगवाया था। उसका भी ना तो कनाडा का वीजा लगा और ना ही दफ्तर के कर्मियों ने पैसे लौटाए है, बल्कि आज जब दफ्तर में बात करने पहुंचे तो उनके साथ स्टाफ के कर्मियों द्वारा हाथापाई की गई।
तीनों महिलाओं में से 2 महिलाओं ने चैक के जरिए पैसे दिए थे जबकि एक महिला ने ऑनलाइन के जरिए इमिग्रेशन दफ्तर के स्टाफ को पैसे दिए थे। वहीं पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। इस दौरान एक महिला ने कहा कि उनके पति भी इसी दफ्तर से वीजा लगवाकर कनाडा गए थे, लेकिन उस दौरान उनसे भी वीजा लगने के दौरान अधिक पैसे वसूले गए थे। वहीं इस मामले को लेकर इमिग्रेशन दफ्तर के संचालकों से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। अगर वह अपना पक्ष रखना चाहते है तो उसे भी प्रमुखता के आधार पर प्रकाशित किया जाएगा।