हेल्थ प्लसः स्मोकिंग का चलन आजकल युवाओं में तेजी से बढ़ा है। ये आदत युवाओं को भले ही कूल और फैशनेबल लगे, लेकिन इसके नियमित सेवन से शरीर के लगभग सभी ऑर्गेन प्रभावित होते हैं। इन अंगों के प्रभावित होने से जान भी जा सकती है। ऐसे में जरूरी है कि इस गलत आदत को जितनी जल्दी संभव हो, छोड़ दें।
एक रिपोर्ट अनुसार स्मोकिंग से रेस्पिरेटरी सिस्टम, सर्कुलेटरी सिस्टम, स्किन और हार्ट के अलावा नर्वस सिस्टम भी क्षतिग्रस्त हो सकता है। ऐसी स्थिति में कई तरह के कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। सिगरेट से निकलने वाला धुआं दिगाग की मांसपेशियों को सुन्न करता है जिससे तनाव और ड्रिप्रेशन हो सकता है। स्मोकिंग करने वालों का सेंट्रल नर्वस सिस्टम क्षतिग्रस्त हो जाता है। क्योंकि निकोटिन हाई बीपी और हार्ट रेट में वृद्धि का कारण बनता है। इससे ऑर्गेन समय के साथ कमजोर हो जाते हैं।
तंबाकू और निकोटिन न्यूरोलॉजिकल हेल्थ पर भी गंभीर प्रभाव डालते हैं। इससे अल्जाइमर और मल्टीपल स्केलेरोसिस का जोखिम भी बढ़ जाता है। सिगरेट पीने से हार्ट, ब्लड वैसल्स और ब्लड सेल्स को नुकसान हो सकता है। सिगरेट में मौजूद रसायन और टार व्यक्ति में एथेरोस्क्लेरोसिस के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। ये समस्या ब्लड फ्लो को कम कर सकती है और हार्ट में रुकावटें पैदा करती है। सिगरेट में अधिक मात्रा में निकाटिन होता है जो लंग्स को डैमेज कर सकता है। लंग्स कैंसर के विकास के लिए स्कोमिंग जिम्मेदार हो सकती है। स्मोकिंग से पुरुषों के लंग्स डैमेज होने की संभावना 25 गुना और महिलाओं के 25.7 गुना बढ़ जाती है। 10 में से 9 लंग्स कैंसर से होने वाली मौतें स्मोकिंग से जुड़ी होती हैं।