Skin Cancer: सर्दियों में आप भी सूरज की रोशनी, जिसे हम धूप के रूप में जानते हैं, का अनियंत्रित सेवन करना खतरनाक हो सकता है। यह स्किन कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है। जहां, हॉलीवुड के बड़े अदाकार जेसन चेम्बर्स इन दिनों स्किन कैंसर से लड़ाई लड़ रहे हैं। इसकी तस्दीक उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए दी। बताया कि मेलेनोमा से जूझ रहे हैं। उन्होंने अपने फैंस को एक हिदायत भी दी। आखिर मेलेनोमा होता क्या है? सूरज से मिलने वाला विटामिन डी हड्डियों के लिए वरदान होता है। वहीं सूरज की किरणें कई बार आफत का सबब बन सकती हैं? सूर्य की तेज किरणों के संपर्क में आने पर स्किन कैंसर होने का खतरा रहता है। सूर्य की पराबैंगनी किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचाती हैं इसलिए सावधानी रखना बेहद जरूरी है।
महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा पीड़ित:
डब्ल्यूएचओ के इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के मुताबिक 2022 में मेलेनोमा से लगभग 60,000 लोगों की मौत हो गई. दुनिया के ज्यादातर क्षेत्रों में मेलेनोमा से महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा पीड़ित बताए गए।
स्किन कैंसर के प्रकार
वहीं, ‘मैकेनिकल बिहैवियर ऑफ बायोमैटीरियल्स’ पत्रिका में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार सूर्य की पराबैंगनी किरणें त्वचा की सबसे ऊपरी परत (स्ट्रेटम कॉर्नियम) में सेल्स के बीच पहुंचकर उसे कमजोर करती है। लिहाजा, धूप में ज्यादा समय तक रहने से त्वचा सनबर्न का शिकार हो जाती है और स्किन कैंसर होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। स्किन कैंसर के कई प्रकार होते हैं। हालांकि, इनमें से तीन बेसल सेल – कार्सिनोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा, मेलेनोमा सबसे आम हैं।
बेसल सेल कार्सिनोमा त्वचा कैंसर का सबसे आम प्रकार है। यह आमतौर पर त्वचा के उन हिस्सों को प्रभावित करता है, जिस पर बहुत ज्यादा धूप पड़ती है। जैसे चेहरा और हाथ है। स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा त्वचा कैंसर का दूसरा सबसे आम प्रकार है। यह अक्सर सूरज के संपर्क में आने वाली त्वचा पर भी विकसित होता है, जैसे कि चेहरा, कान, होंठ, हाथों के पीछे, हाथ और पैर पर होता है।
मेलेनोमा सबसे घातक
रिर्सच के अनुसार मेलेनोमा त्वचा कैंसर का सबसे घातक रूप है। यह त्वचा पर या किसी मौजूदा तिल में विकसित हो सकता है। ऐसे तिल जिनका आकार, रंग या आकृति बदल जाती है या जिनमें दर्द और खुजली जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
स्किन को प्रोटेक्टेड रखना जरूरी
गर्मी हो या सर्दी, हर मौसम में सूर्य की विकिरण हमारे त्वचा को नुकसान पहुंचाती है। विशेषज्ञों के अनुसार चाहे कोई भी मौसम हो विकिरण से अपनी स्किन प्रोटेक्शन के लिए सचेत रहना चाहिए। सुरक्षित रूप से धूप का आनंद लेने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि अपनी त्वचा की सुरक्षा के लिए छाया में रहें, त्वचा को हमेशा कवर करके रहें और सनस्क्रीन का इस्तेमाल करते रहें। जैसा जेसन चैम्बर ने अपने अनुभव के आधार पर बताया भी। हालांकि, ऐसा नहीं है कि सनस्क्रीन लगाने के बाद आप धूप में ज़्यादा समय बिता सकते हैं, लेकिन यह त्वचा के उन हिस्सों की सुरक्षा के लिए सही रहता है जिसे आप कपड़ों या छाया से ढक नहीं सकते।
पराबैंगनी किरणें स्किन कैंसर का कारण
सूरज से निकलने वाली पराबैंगनी किरणें स्किन सेल्स को नुकसान पहुंचा सकती हैं और त्वचा कैंसर का कारण बन सकती हैं।
बचने के लिये ये टिप्स फॉलो करें
आप कुछ आसान सी टिप्स को फॉलो कर अपनी त्वचा की रक्षा कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले है छाया में रहना। सुबह 12 बजे से दोपहर 3 बजे तक की धूप सबसे तेज होती है। इस दौरान छाया में समय बिताएं। बाहर निकलते वक्त या घर में रहने के दौरान अगर आप धूप में बैठना चाहते हैं तो भी अपने शरीर को कपड़े से ढकें, सिर पर टोपी पहनें और धूप के चश्मे लगाएं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।