जयपुरः कांग्रेस कार्यकर्ताओं का राजभवन घेराव करने का ऐलान था, लेकिन उन्हें शहीद स्मारक पर ही रोक लिया गया। पुलिस ने कांग्रेस नेताओं पर वाटर कैनन छोड़ी। पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को धरना स्थल पर शहीद स्मारक पर ही रोक दिया। पुलिस से धक्का-मुक्की में कांग्रेस कार्यकर्ता घायल हो गए है। राजस्थान में मणिपुर हिंसा और अडाणी के मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने जयपुर में धरना-प्रदर्शन किया।
पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को राजभवन कूच करने से रोक दिया। पुलिस ने कांग्रेस नेताओं पर वाटर कैनन छोड़ी। पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को धरना स्थल पर शहीद स्मारक पर ही रोक दिया। पुलिस से धक्का-मुक्की में कांग्रेस कार्यकर्ता घायल हो गए है। आंदोलन में कांग्रेस के दिग्गज नेता, कार्यकर्ता और समर्थक बड़ी संख्या में शामिल हुए। लंबे समय बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा एक साथ मंच पर नजर आए।
धरने में पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, और कई बड़े नेताओं ने भाग लिया। इस दौरान डोटासरा ने कहा कि हम जनता के मुद्दों पर चुप नहीं बैठेंगे। केंद्र सरकार की विफलताओं और पूंजीपतियों को दिए जा रहे संरक्षण के खिलाफ कांग्रेस सड़क से संसद तक विरोध करेगी। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि देश की संपत्ति चुनिंदा लोगों के हाथ में सौंपी जा रही है।
यह स्थिति देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रही है। हम उद्योगपतियों के विरोधी नहीं हैं, लेकिन सार्वजनिक संसाधनों को औने-पौने दाम पर बेचने का विरोध करते हैं। पायलट ने मणिपुर हिंसा पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मणिपुर में हालात बेहद खराब हैं। वहां गोलियां चल रही हैं, लेकिन सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। प्रधानमंत्री को वहां जाकर समस्या का समाधान करना चाहिए।