बांग्लादेशः अवामी लीग के प्रस्तावित देशव्यापी विरोध प्रदर्शन से पहले कई शहरों में बुधवार देर रात फिर हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान ‘बंगबंधु’ के ढाका स्थित धनमंडी-32 आवास पर धावा बोला और तोड़फोड़ की।
उधर, खुलना में शेख हसीना के चचेरे भाई शेख सोहेल, शेख जेवेल के घरों को दो बुलडोजरों से ध्वस्त कर दिया गया है। इस हिंसा को लेकर शेख हसीना ने कहा कि किसी ढांचे को मिटाया जा सकता है, लेकिन इतिहास को नहीं मिटाया जा सकता। हसीना ने कहा कि एक घर से क्यों डरना? मैं बांग्लादेश के लोगों से इंसाफ चाहती हूं। क्या मैंने अपने देश के लिए कुछ नहीं किया? फिर इतना अपमान क्यों? एक इमारत को मिटाया जा सकता है, लेकिन इतिहास को नहीं मिटाया जा सकता। मेरे पिता का घर तोड़ने वालों को याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला लेता है।
बांग्लादेश में हाल ही में हिंसा की शुरुआत सोशल मीडिया पर ‘बुलडोजर जुलूस’ के ऐलान के बाद हुई। जब हमला हुआ, तब वहां सुरक्षाबल भी मौजूद थे। भीड़ को वहां से जाने के लिए समझाने की कोशिश की, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रहीं। कुछ उपद्रवी शेख मुजीब के आवास और संग्रहालय में भी घुस गए। बालकनी पर चढ़ गए और तोड़फोड़ की। बताया जा रहा है कि आवास में आगजनी भी की गई है। इसके कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
प्रदर्शनकारी शेख मुजीबुर्ररहमान के घर का मेनगेट तोड़कर अंदर घुस गए। इस दौरान वे ‘फांसी दो, फांसी दो। शेख हसीना को फांसी दो।’ पूरे बंगाल (बांग्लादेश) को खबर दो, मुजीबुर्रहमान की कब्र खोद दो’ ‘अवामी लीग के लोगों को पीटो, बांग्लादेश में वे नहीं रहेंगे’ के नारे लगा रहे थे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि मुजीबुर्रहमान का घर ‘फासीवादियों का गढ़’ है, इससे छुटकारा पाना जरूरी है।’