जो भक्तों के पापों का हरण कर लें वही हरि: गणेश दत्त शास्त्री
ऊना /सुशील पंडित: जिला ऊना के अंतर्गत आते गांव बदोली में 6 दिनों से चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह का हुआ। भागवत कथा के व्यास पीठ पर कथावाचक श्री गणेश दत्त शास्त्री ने पंच अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं। उनमें गाये जाने वाले पंच गीत, भागवत के पंच प्राण हैं, जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है। वह भव पार हो जाता है। उसे वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती हैं। शास्त्री जी ने कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, उद्धव-गोपी संवाद, द्वारका की स्थापना, रुक्मणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया।
कथा व्यास ने बताया कि आस्था और विश्वास के साथ भगवत प्राप्ति आवश्यक हैं। भगवत प्राप्ति के लिए निश्चय और परिश्रम भी जरूरी हैं। भगवान श्रीकृष्ण रुक्मणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया। कथा के दौरान भक्तिमय संगीत ने श्रोताओं को आनंद से परिपूर्ण किया। उन्होंने कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। उन्होंने बताया कि जीव परमात्मा का अंश और जीब अविनाशी है ।
कल सोमवार को श्रीमद् भागवत कथा का सातवां दिन संपूर्ण होने पर हवन पूजन और भंडारा होगा, जिसमें सभी भक्तजनों से पधारने का आग्रह किया है।