नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना वायरस के एक नए वेरियेंट B.1.1.529 का पता लगने के बाद भारत सतर्क हो गया है। केंद्र सरकार ने राज्यों को सतर्कता बढ़ाने की हिदायत दी है। द. अफ्रीक, बोत्सवाना के अलावा हॉन्ग कॉन्ग में भी बी.1.1.529 वेरियेंट के मरीज मिल रहे हैं। बी.1.1.529 वेरियेंट काफी घातक साबित हो रहा है। इसका असर शेयर बाजार पर भी दिख रहा है। भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट का दौर देखा जा रहा है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सुबह 13.30 बजे के आसपास सेंसेक्स 1,300 पॉइंट्स से अधिक टूट गया था। वहीं, नैशनल स्टॉक एक्सेचेंज (NSE) के निफ्टी में भी 372 पॉइंट्स की गिरावट देखी गई थी।
दुनियाभर के विशेषज्ञ इस वेरियेंट को बड़ा खतरा मान रहे हैं। यही कारण है कि अफ्रीकी देशों की फ्लाइट रोकने का सिलसिला शुरू हो गया है। इजरायल ने सात अफ्रीकी देशों से आने-जाने पर पाबंदियां लगा दी हैं। इजरायल सरकार ने द. अफ्रीका, लेसेथो, बोत्सवाना, जिम्बाब्वे, मोजांबिक, नामीबिया और एस्वातिनी जैसे देशों को रेड लिस्ट में डाल दिया है। वहीं, यूके ने छह अफ्रीकी देशों से आवाजाही पर रोक लगा दी है। वहां की सरकार ने इन देशों की सभी फ्लाइट रोक दी है।
इधर, भारत सरकार ने राज्यों से कहा है कि वो सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की सघन जांच करे। खासकर, द. अफ्रीका, हॉन्ग-कॉन्ग और बोत्सवाना से सीधे आने वाले या उधर से गुजरने वालों की कड़ी स्क्रीनिंग करने का निर्देश दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों को भेजी चिट्ठियों में कहा है कि ऐसे लोग कहां आ-जा रहे हैं, इस पर नजर रखी जाए।
चिट्ठी में कहा गया है कि जांच में पॉजिटिव पाए गए लोगों के नमूने तुरंत लैब भेजे जाएं ताकि जिनोम सिक्वेंसिंग के जरिए वेरियेंट का पता चल सके। चिट्ठी में कहा गया है कि बी.1.1.529 वेरियेंट के कई म्यूटेशनों का पता चला है, इसलिए इसका देश पर गहरा असर हो सकता है क्योंकि हमने हाल ही में वीजा प्रतिबंधों में ढिलाई दी है और अंतरराष्ट्रीय यात्राओं की भी अनुमति दी गई है।
हालांकि, देश में गुरुवार तक कोविड रोधी टीके की 120 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ट्वीट किया, ‘अब तक टीके की 120 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है और इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हर घर दस्तक अभियान महामारी के विरुद्ध भारत की लड़ाई को मजबूत करता जा रहा है।’
अब कहा जा रहा है कि नया बोत्सवाना वेरियेंट टीके के असर को भी खत्म करने में सक्षम है। वैज्ञानिकों का मानना है कि बोत्सवाना वेरिएंट के ही 32 नए म्यूटेंट बन गए हैं। नए म्यूटेंट, वायरस का सबसे ज्यादा विकसित रूप हैं और ये काफी खतरनाक भी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन 32 म्यूटेंट्स में से कुछ ऐसे हैं जो बहुत तेजी से फैलने वाले और टीके के असर को भी खत्म करने वाले हैं और इसके स्पाइक प्रोटीन में किसी भी अन्य प्रकार की तुलना में अधिक परिवर्तन होते हैं। हालांकि, फ्रांस ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए लॉकडाउन या कर्फ्यू लगाने के बजाय वयस्क आबादी को कोविड रोधी टीके की बूस्टर डोज देने का ही फैसला किया है।
दरअसल, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान- नैशनल इंस्टीट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज (एनआईसीडी) ने पुष्टि की कि दक्षिण अफ्रीका में बी.1.1.529 का पता चला है और जीनोम सिक्वेंसिंग के बाद बी.1.1.529 के 22 मामलों की पुष्टि हुई है। चिंता की बात है कि कोरोना वायरस के नए-नए म्यूटेशन से दुनियाभर में कई बार तबाही मच चुकी है और म्यूटेंट बनने का सिलसिला अब भी जारी है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, बी.1.1.529 वेरियेंट से काफी तेज रफ्तार से संक्रमण फैलाने की आशंका है। लंदन स्थित इंपीरियल कॉलेज के वायरस एक्सपर्ट डॉ. टॉम पीकॉक ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपने ट्विटर अकाउंट पर वायरस के नए वेरियेंट की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में प्रमुख डेल्टा स्ट्रेन सहित अन्य किसी भी वेरिएंट के मुकाबले यह बदतर होने की क्षमता रखता है। उसके बाद से वैज्ञानिकों की नजर इस वेरियेंट पर है।