चिकित्सकों के बोर्ड ने किडनी ट्रांसफार्मर के लिए दी सहमति
बद्दी (सचिन बैंसल)। बददी के एक धागा मील में यूपी के निवासी जितेंद्र कुमार की दोनों किड़नियां फेल हो गई है। जितेंद्र की मांग को जैसे ही पता चला वह उसे बचाने के लिए अपनी किडऩी देने के लिए तैयार हो गई। बद्दी में सोमवार को चिकित्सकों के बोर्ड की बैठक हुई जिसमें इस मामले में सहमति प्रदान की गई।
यूपी निवासी जितेंद्र कुमार की बचने की कोई उम्मीद नहीं थी। लेकिन मां आरती देवी अपनी आंखों के सामने ऐसा न हो इसके लिए वह किडऩी देने को तैयार हो गई। अगर इसकी दोनों मां व बेटे की किडनी मैच कर गई तो जितेंद्र को उसकी मांग की ओर से नया जीवन मिलेगा। राज्य कर्मचारी बीमा निगम के प्रदेश के उपनिदेशक प्रभारी संजीव कुमार ने बताया जो भी कर्मचारी ईएआर्ईसी में पंजीकृत है। उन्हे गंभी बीमारी के दौरान उन्हें बचाने की निगम पहल कर रहा है। इसी उद्देश्य में बद्दी कार्यालय में किडनी ट्रांसफर के लिए चिकित्सकों के दल ने सहमित प्रदान की है। चिकित्सकों के दल में डा. अमित सलेवालरा. डॉ. गुरजीत जगदेव, डॉ. मिनी मल्होत्रा व डॉ. गुरजीत सिंह शामिल रहे।
संजीव कुमार उप निदेशक प्रभारी ने बताया कि अन्य मामले भी जिनमें किडनी ट्रांसप्लांट तथा हिपरिप्लेसमेंट के केस हैं, उन्हें भी प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा। औरो टैक्सटाईल बद्दी के चीफ मैनेजर तरूण आरोड़ा तथा बिरला टैक्सटाईल मिल के वाईस प्रेजिडेंट आर.के. शर्मा तथा श्रमिक संगठन नेताओं ने इन अति गंभीर मामलों पर विशेष ध्यान देने के लिए मांग उठाई थी।
उप निदेशक प्रभारी संजीव कुमार, ईएसआई अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक एस.डी. शर्मा तथा डाक्टरों के दल का इस त्वरित कार्रवाई के लिए भामस उद्योग प्रभारी मेला राम चंदेल, राज कुमार अध्यक्ष राष्ट्रीय मजदूर संघ, सतीश कुमार जिला अध्यक्ष एटक, रंजन गोयल प्रदेश सचिव इंटक, दीपक टैक्सटाईल वीपी एचके तिवारी, विनसम टैक्सटाईल मिल महाप्रबन्धक रविन्द्र रोहिला एवं ईएसआई से सेवानिवृत सहायक निदेशक देव व्रत यादव ने प्रशंसा जाहिर की।