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सेहत मंत्री बलबीर सिंह ने किया दावा
लुधियानाः सेहत मंत्री बलबीर सिंह ने आज सिविल अस्पताल का दौरा किया, जहां उन्होेंने अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ के साथ मुलाकात की। वहीं सेहत मंत्री ने इमरजेंसी वार्ड का निरीक्षण किया। मीडिया को जानकारी देते हुए सेहत मंत्री बलबीर सिंह ने कहा कि सरकारी अस्पतालों को अपग्रेड किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों को दूसरे राज्यों के लिए रोल मॉडल बनाया जाएगा। अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर, अस्पताल की बिल्डिंग, वाशरूम सहित अन्य निर्माण का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मरीजों को सुविधाएं देने के लिए क्रिटिकल केयर सेंटर बनाया जा रहा है। सरकारी अस्पतालों को कॉर्पोरेट अस्पतालों की तरह तैयार किया जा रहा है। अस्पताल में मरीजों को चूहों से आ रही परेशानी को दूर कर दिया गया है। ऐसे में अब अस्पताल में एक भी चूहा दिखाई नहीं देगा। मार्च तक अस्पताल को नए तरीके से अपग्रेड करके लोगों को नया सिविल अस्पताल समर्पित किया जाएगा। अस्पताल में कूप प्वाइंड सहित स्टाफ की भर्ती भी की जाएगी। वहीं अस्पताल में दवाईयों की कमी को लेकर सेहत मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा ग्रांट जारी कर दी गई है। जिसमें 270 दवाएं लोगों को मुफ्त दी जा रही है। इसके बाद अगर मरीजों को दवाई ना मिलने की शिकायत आएंगी तो डॉक्टरों पर एक्शन लिया जाएगा।
सेहत मंत्री ने माना कि अब 60 से 70 प्रतिशत मरीजों को दवाई मिल रही है, लेकिन 100 प्रतिशत मरीजों को दवाई नहीं मिल रही। जिसको लेकर अस्पताल में मरीजों को दवाई की कमी ना आने को लेकर स्टाफ नया विंग तैयार किया जा रहा है। अगर अस्तपला में लाइट चली जाती है या दवाई की कमी, सीवरेज की परेशानी सहित अन्य सुविधाओं को यह विंग ध्यान देंगा। ऐसे में डॉक्टरों का लोगों की सेहत का ध्यान रखने की ओर ध्यान दिया जाएगा। वहीं अस्पताल में लड़ाई झगड़े होने की घटनाओं को लेकर सेहत मंत्री ने कहा कि मरीज के साथ एक ही परिजन को अस्पताल में आने की इजाजत दी जाएगी।
इसके लिए एक शेड बनाई जा रही है मरीज के साथ अन्य परिजनों के लिए वहां पर रूकने के लिए व्यवस्था बनाई जाएगी। इसी के साथ सीसीटीवी कैमरे अस्पताल में लगाए जाएंगे और सिक्योरिटी में बढ़ौतरी की जाएगी। इसी के साथ एनजीओं के साथ बात चल रही है जो कि ऐसे लोगों को समझाने का काम करेंगे और डॉक्टरों तक उनकी बात को रखेंगे। वहीं पार्किंग को लेकर सेहत मंत्री ने कहा कि पार्किंग के लिए अलग जगह बनाई जा रही है जिसमें दोपहिया वाहनों की अलग जगह बनाई जाएगी। मरीज को विंग स्टाफ खुद डॉक्टर के पास लेकर जाएगा। इस दौरान अस्पताल में मेडिकल बच्चों की पढ़ाई के साथ उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। सरकारी अस्पतालों और प्राइवेट अस्पतालों में अब कोई फर्क नजर नहीं आएगा।