
रायपुरः यहां दिन दहाड़े घर में घुसकर करीब 20 मिनट के अंदर 60 लाख की डकैती करने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि डकैत कमांडो ड्रेस पहनकर घर के भीतर घुसे और बुजुर्गों को पिस्टल दिखाकर बंधक बना लिया। शोर मचाने पर घर को बम से उड़ा देने की धमकी देकर घर में आराम से लुटेरों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया। फिलहाल इस मामले में पुलिस जांच में जुट गई है। घटना की सीसीटीवी भी सामने आ रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, खम्हारडीह थाना क्षेत्र के अधीन शंकर नगर इलाके के अनुपम नगर में स्थित जर्जर मकान में कुछ डकैत घुस गए। कार से उतरते हुए 5 डकैत CCTV कैमरे में भी देखे जा सकते हैं जिसमें एक महिला भी थी। पांचों डकैत ने प्रेमा वेल्लू (71), रजनी वेल्लू (67) और मनोहर वेल्लू (70) को बंधक बनाकर डकैती की। पीड़ित तीनों आपस में भाई-बहन हैं और साथ रहते हैं तथा किसी ने भी शादी नहीं की है। करीब 2 बजकर 47 मिनट में एक सफेद रंग की रिट्ज कार वेल्लू परिवार के घर के सामने खड़ी होती है। कार में 5 लोग पहुंचे, जिनमें 4 पुरुष हैं और एक महिला थी। सभी के चेहरे ढके हुए थे।
इनमें से 2 पुरुष कमांडो ड्रेस में थे। 2 अन्य लोग काले सफेद रंग के ड्रेस में थे। इस दौरान घर के भीतर मनोहर और उसकी 2 बहनें थीं। सबसे पहले कमांडो ड्रेस पहने एक डकैत ने भीतर घुसकर कहा कि आपने पुलिस में शिकायत की थी। हम लोग आ गए हैं। घर के लोगों ने शिकायत से इनकार किया। इसके बावजूद सभी डकैत एक-एक करके जबरन भीतर घुस गए।
मनोहर और उसकी बहन को उन पर फौरन शक हो गया। पीड़ितों ने बताया कि उन्होंने विरोध किया लेकिन, डकैतों ने मनोहर के मुंह पर टेप लगा दिया। फिर घर में रखें टॉवेल से हाथ पैर बांधकर जमीन में बैठा दिया। फिर उन्होंने एक बहन के मुंह में भी टेप लगाया। जबकि दूसरी बहन के मुंह को हाथों से दबाए रखा।
इस दौरान एक डकैत ने मनोहर पर पिस्टल अड़ा कर जान से मारने की धमकी दी। साथ ही कहा कि लाल सलाम गैंग से हैं। हल्ला करोगे तो घर को बम से उड़ा देंगे जिसके बाद भाई और दोनों बहन डर गए। फिर डकैतों ने घर के दरवाजे को अंदर से बंद कर दिया। पीड़ित परिवार के मुताबिक, डकैतों ने वारदात के दौरान इंजेक्शन भी साथ लेकर आए थे। जिसे दोनों महिलाओं के बॉडी में लगाय जिससे वें डर जाए कि उन्हें बेहोशी की दवा दी जा रही है। हालांकि महिलाओं को इंजेक्शन का कोई असर नहीं हुआ।
इस नकली इंजेक्शन की नीडल उनके शरीर में ही फंसी रह गई। ऊपरी प्लास्टिक के हिस्से को डकैत अपने साथ लेकर चले गए। पुलिस को शक है कि यह केवल साइकोलॉजिकल दबाव बनाने के लिए किया गया था जिससे वें डरकर रुपए रखने का ठिकाना बता दें। बताया जा रहा है कि इस डकैती में जो 60 लाख रुपए की रकम लूटी गई है वह विधानसभा इलाके के सकरी गांव के पास पुश्तैनी जमीन बेचने से मिली थी। पैसे को उन्होंने बैंक में जमा न कर घर के दीवान के अंदर ही रख दिया था।
डकैतों ने लूट के दौरान सबसे पहले एक महिला के गले का चेन लूटा। फिर अलमारी के अंदर रखें गहनों को भी समेट लिया। इसके बाद वे लगातार रुपयों के बारे में पूछते रहे। परिवार ने टालने की कोशिश की लेकिन उन्होंने धमकियों से डरकर पैसे रखने का ठिकाना उगल दिया। फिर वें वहां से कैश लेकर फरार हो गए।
डकैतों ने भागने के दौरान सभी को कमरे में बंद कर दिया और तीनों के मोबाइल फोन भी साथ ले गए जिससे वे तुरंत किसी से संपर्क न कर पाए। हालांकि कुछ देर बाद एक महिला पीछे के रास्ते से घर के बाहर निकली। फिर पड़ोसियों को वारदात की पूरी जानकारी दी। जिसके बाद खम्हारडीह पुलिस को सूचना मिली।
इस मामले की छानबीन के लिए एंटी क्राइम यूनिट की स्पेशल टीम का गठन किया गया। यह टीम डकैतों के भागने के रास्ते में मौजूद CCTV कैमरे खंगाल रही है। डकैत बिना नंबर की गाड़ी में आए थे। पुलिस ने देर रात तक करीब 100 से ज्यादा कैमरों को छाना है। जिसमें कई अहम सुराग हाथ लगे है। क्राइम ब्रांच ASP संदीप मित्तल ने बताया कि ये घटना ढाई से 3 बजे के बीच की है। पुलिस को साढ़े 3 बजे सूचना मिली थी। पिस्टल जैसा हथियार भी रखे थे। पीड़ितों से पूछताछ की जा रही है।