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लुधियानाः जिले के थाना डिवीजन नंबर 5 पुलिस ने पारिवारिक न्यायालय (फैमली कोर्ट) के निर्णयों को प्रभावित करने और सुनवाई में तेजी लाने के झूठे वादों करके लोगों से रिश्वत लेने वाले एक कोर्ट चपरासी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोपी की पहचान बादल सिंह के रूप में हुई है, जो एडिश्नल प्रिंसिपल जज राजविंदर सिंह की अदालत में काम करता था और अब फरार है। कथित तौर पर चपरासी ने संवेदनशील पारिवारिक विवादों में न्याय की मांग करने वाले हताश व्यक्तियों को धोखा देते हुए प्रति मामले 1,000 रुपये से 3,000 रुपये तक के भुगतान की मांग की।
शिकायतकर्ताओं द्वारा प्रदान किए गए यूपीआई और Google Pay लेनदेन के स्क्रीनशॉट ने उसकी गैरकानूनी गतिविधियों को उजागर किया। बीएनएस की धारा 318 (4) (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना) के तहत दर्ज की गई एफआईआर के अनुसार, कोर्ट में रीडर दीपाली ने बताया कि बादल सिंह ने जल्दी सुनवाई की तारीख, मुलाकात के अधिकार को सुरक्षित करने और अनुकूल परिणाम सुनिश्चित करने का वादा करने के लिए पैसे लिए।
जब वादा किया गया लेकिन वह पूरा नहीं हुआ, तो पीड़ितों ने इस मुद्दे को कोर्ट में उठाया, जिसने आंतरिक जांच शुरू की। चौंकाने वाली बात यह है कि जब पीठासीन (प्रीजेडिंग) अधिकारी ने बादल सिंह से पूछताछ की तो उसने इस्तीफा दे दिया और गायब हो गया। उसके खिलाफ औपचारिक रूप से 10 अक्टूबर, 2024 को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। जांच अधिकारी एएसआई सुभाष चंद ने पुष्टि की कि आरोपी ने उन लोगों को निशाना बनाया जो पहले से ही पारिवारिक विवादों से जूझ रहे थे। एएसआई ने कहा कि आरोपी ने उनकी भावनात्मक कमज़ोरी का फ़ायदा उठाया और उनकी मदद करने की आड़ में पैसे ऐंठ लिए। आरोपी की गिरफ़्तारी के लिए तलाश जारी है।