नई दिल्ली : तबला वादक जाकिर हुसैन ने इस दुनिया को अलविदा कह चुके है। वह भारत देश के अनमोल रत्न थे। इस रत्न के चले जाने से दुनिया भर के कलाकार और फैंस दुखी है। वाह ताज’…शानदार अंदाज और तबले पर कमाल की धुन देने वाले ‘उस्ताद’ जाकिर हुसैन हर एक अंदाज में कमाल के थे। छह दशकों से जो तबले की थाप हम सुन रहे थे, वो अब नहीं सुनाई देगी। उन्हें इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस नाम की बीमारी थी। बता दें कि देश के महान तबला वादक जाकिर हुसैन ने 73 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह दिया। जाकिर हुसैन के करीबी साबिर ख़ान 21 सालों से उनके साथ सारंगी वादन कर रहे थे।
उन्होंने भले ही दुनिया को अलविदा कह दिया हो मगर वह अपने इसी अंदाज के साथ फैंस के दिलों में जिंदा रहेंगे। इसमें कोई शक नहीं कि वर्सेटाइल जाकिर हुसैन के हिस्से में ढेरों उपलब्धियां थी। हुसैन सबसे कम उम्र में पद्मश्री (37) अपने नाम करने वाली शख्सियत में से एक थे। जाकिर हुसैन सबसे कम उम्र में पद्मश्री पाने वाली शख्सियत थे। भारतीय सरकार ने उस्ताद को 1988 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा था। जानकारी के अनुसार पंडित रविशंकर ने जाकिर हुसैन को सबसे पहले ‘उस्ताद’ कहकर पुकारा था। जाकिर हुसैन ने एक्टिंग में भी खुद को आजमाया था।
1983 में रिलीज हुई फिल्म ‘हीट एंड डस्ट’ से एक्टिंग में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी, जिसमें उन्होंने एक मकान मालिक का किरदार निभाया था। फिल्म ‘साज’ में जाकिर हुसैन ने शबाना आजमी के साथ काम किया था। फिल्म 1998 में रिलीज हुई थी। इसके बाद हुसैन फिल्म ‘द परफेक्ट मर्डर’ में नजर आए थे। जाकिर हुसैन को उनके अट्रैक्टिव लुक्स की वजह से काफी पसंद किया जाता था। जाकिर हुसैन ने ‘बावर्ची’, ‘सत्यम शिवम सुंदरम’, ‘हीर-रांझा’ जैसी फिल्मों के संगीत में भी अपना जादू चलाया था। उस्ताद हुसैन ने इसी साल रिलीज देव पटेल की फिल्म ‘मंकी मैन’ में भी काम किया था। फिल्म में जाकिर हुसैन ने एक तबला वादक का रोल निभाया था