गुरदासपुरः कहते है जजबा और जनून जब मन में हो तो हर मुश्किल का सामना किया जा सकता है। ऐसा ही एक जनून डेरा बाबा नानक में देखने को मिला। जहां चलने फिरने में असमर्थ 14 वर्षीय दिव्यांग दिवांशु चौधरी ने लुधियाना में आयोजित खेडां वतन पंजाब दीयां में जैवलिन थ्रो, शॉट पुट व डिस्कस थ्रो में तीन सिल्वर मेडल जीते।
दिवांशु ने बताया कि वह डेरा बाबा नानक के सरकारी सीसे स्कूल में छठी कक्षा का छात्र है। बचपन से ही दिव्यांग है। उसने बताया कि लुधियाना में 20 से 25 नवंबर के बीच खेडां वतन पंजाब दीयां आयोजित की गई थीं, इसमें मैंने पहली बार भाग लिया था। व्हीलचेयर पर बैठकर जैवलिन थ्रो को 4 मीटर, शॉटपुट को 4 मीटर, डिस्कस थ्रो को 7 मीटर फेंककर तीन सिल्वर मेडल जीते। सरकार की तरफ 21 हजार रुपए प्राइज देकर सम्मानित किया गया। अब वह विशाखापट्टनम में बोक्सिया स्पोर्ट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की होने वाली खेलों में भाग लेने की तैयारी कर रहा है। दिवांशु ने अपनी मेहनत और उपलब्धि का श्रेय कोच सिमरनजीत कौर को दिया है।
दिवांशु ने युवाओं से अपील की, खेलों में भाग लें, ताकि नशे की दलदल से बचा जा सके। दिवांशु की माता बबिता व पिता वरिंदर ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी महसूस हो रही है कि बेटा दिव्यांग होने के बावजूद खेलों में अपना, कोच व उनका नाम रोशन कर रहा है।
कोच सिमरनजीत कौर रंधावा ने कहा कि वह नेशनल लेवल पर खेल चुकी हैं और गोल्ड मेडलिस्ट हैं और लॉन्ग रेसर है। वह दिव्यांग बच्चों के लिए कुछ करना चाहती है। वह दिवांशु को जुलाई माह से ग्राउंड और घर में प्रेक्टिस करवा रही हैं। वह चाहती हैं कि जो बच्चे दिव्यांग हैं, उनको उनकी मंजिल तक पहुंचाया जा सके। उनकी तरफ से फ्री ट्रेनिंग दी जाती है। मेरे पास पांच दिव्यांग बच्चे ट्रेनिंग ले रहे हैं।