नई दिल्ली: कनाडा में पिछले कुछ महीनों में वीजा नियमों को काफी कड़ा किया गया है, जिसकी वजह से बहुत से छात्रों के स्टडी परमिट रिजेक्ट हो जा रहे हैं। कई बार स्टडी परमिट इसिलए भी रिजेक्ट कर दिया जाता है, क्योंकि या तो छात्र कोई डॉक्यूमेंट जमा नहीं करते हैं या फिर वे कनाडा में पढ़ने की शर्तों का पालन नहीं करते हैं। हालांकि, अगर आपका भी स्टडी परमिट रिजेक्ट हो गया है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है।
की गई नए प्रोजेक्ट की शुरुआत
दरअसल, कनाडा में एक नए प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है, जो भारतीयों समेत उन छात्रों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होने वाला है, जिन्हें वीजा रिजेक्शन का सामना करना पड़ा है। एक अक्टूबर से कनाडा की फेडरेल कोर्ट ‘स्टडी परमिट पायलट प्रोजेक्ट’ की शुरुआत कर रही है। CIC न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रोजेक्ट उन लोगों के लिए है जिनका स्टडी परमिट रिजेक्ट हो गया है और वे कोर्ट से इसकी दोबारा समीक्षा करवाना चाहते हैं।
स्टडी परमिट रिजेक्ट होने पर ‘लीव एंड ज्यूडिशल रिव्यू’ के लिए कर सकते अप्लाई
अगर किसी छात्र का स्टडी परमिट रिजेक्ट हुआ है तो वे ‘स्टडी परमिट पायलट प्रोजेक्ट’ के जरिए ‘लीव एंड ज्यूडिशल रिव्यू’ के लिए अप्लाई कर सकते हैं। वर्तमान में ‘लीव एंड ज्यूडिशल रिव्यू’ के पूरे प्रोसेस में 14-18 महीने लग जाते हैं, लेकिन अब पूरी प्रक्रिया 5 महीने से भी कम समय में पूरी हो सकती है। ‘लीव एंड ज्यूडिशल रिव्यू’ का मतलब है कि छात्र कनाडा की फेडरल कोर्ट से अपने आवेदन पर दोबारा विचार करने की अनुमति मांग रहा है।
‘लीव’ और ‘ज्यूडिशल रिव्यू’ दोनों एक साथ देखे जाएंगे
आमतौर पर पहले जज ये तय करते हैं कि छात्र (आवेदक) को ‘लीव’ यानी इजाजत दी जाए या नहीं। अगर अनुमति मिल जाती है, तो जज आपके केस की समीक्षा करते हैं और फैसला सुनाते हैं। लेकिन इस नए प्रोजेक्ट के तहत, ‘लीव’ और ‘ज्यूडिशल रिव्यू’ दोनों एक साथ ही देखे जाएंगे। इस प्रोजेक्ट में शामिल होने के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं है। हालांकि ‘लीव एंड ज्यूडिशल रिव्यू’ के लिए आवेदन करने का शुल्क 50 डॉलर है।
नए प्रोजेक्ट के तहत कौन एलिजिबिल है?
‘लीव एंड ज्यूडिशल रिव्यू’ प्रोजेक्ट के तहत वे ही छात्र अप्लाई कर सकते हैं, जिन्होंने स्टडी परमिट के लिए आवदेन दिया था और अब उन्हें ‘इमिग्रेशन, रेफ्यूजी एंड सिटिजनशिप कनाडा’ (IRCC) से रिजेक्शन लेटर मिला है। इसके अलावा कुछ अन्य शर्तें भी हैं, जो निम्नलिखित हैं:
- आवेदक और IRCC, दोनों को इस प्रोजेक्ट में शामिल होने के लिए सहमत होना होगा।
- दोनों पार्टियों को केस से जुड़े तथ्यों पर सहमत होना होगा जो आवेदक द्वारा IRCC को सौंपे गए दस्तावेजों में दर्शाए गए हों।
- केस सीधा और सरल होना चाहिए, बिना किसी भी तरह की जटिलता के जैसे कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कोई मुद्दा या गलत जानकारी देना।
- आवेदक को आवेदन करने के लिए समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध नहीं करना चाहिए।
- इस नए प्रोजेक्ट में किसी भी तरह के एफिडेविट यानी हलफनामे की जरूरत नहीं है।
अगर कोई छात्र कनाडा से अप्लाई कर रहा है, तो रिजेक्शन लेटर मिलने के 15 दिनों के अंदर उसे इस नए प्रोजेक्ट के तहत अपना एप्लिकेशन देना होगा। अगर कोई छात्र कनाडा के बाहर से अप्लाई कर रहा है, तो उसके पास 60 दिनों का समय होगा।