राज्य में ‘छोटे अपराधों पर लगाम लगाना’ पंजाब पुलिस की मुख्य प्राथमिकता
जालंधर (ens): पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने मंगलवार को 28 जिलों की कार्यप्रणाली का मूल्यांकन करने , नशा तस्करी और आतंकवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई की समीक्षा के लिए सभी सीनियर फील्ड अधिकारियों और ऑपरेशनल विंग्स के प्रमुखों के साथ पी.ए.पी. कॉम्प्लेक्स में राज्य स्तरीय कानून-व्यवस्था की समीक्षा के लिए मीटिंग रखवाई।
मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि उचित निगरानी के लिए जिला और सब-डिवीजन स्तर पर सीसीटीवी कंट्रोल रूम स्थापित किए जा रहे हैं। जो पिछले तीन सालों में अपराधिक हॉटस्पॉट्स और नशा बिक्री हॉटस्पॉट्स की क्राइम हॉटस्पॉट मैपिंग के बाद अमल में लाया गया है। इसके साथ ही पंजाब पुलिस राज्यभर में स्नैचिंग और नशा बिक्री वाले स्थानों पर क्लोज्ड सर्किट टेलीविजन कैमरों का उपयोग करके व्यापक निगरानी करेगी। जिससे राज्य में छोटे अपराधों और नशा तस्करी को रोकने मे सहायता मिलेगी।
डीजीपी गौरव यादव ने ‘छोटे अपराधों को रोकना’ पंजाब पुलिस की प्रमुख प्राथमिकता बताते हुए कहा कि फील्ड अधिकारियों को इस कार्रवाई को और प्रभावी बनाने और नागरिकों की सुरक्षा को प्रभावित करने वाले अपराधों, खासतौर पर फिरौती की कॉल, स्नैचिंग, चोरी, ठगी और नशा बिक्री वाले स्थानों से निपटने के लिए सभी तरीकों का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। सीपीज/एसएसपीज को ऐसे अपराधियों से सख्ती से निपटने और ड्रग सप्लायर्स द्वारा अवैध रूप से अर्जित संपत्ति को फ्रीज करने के लिए एनडीपीएस की धारा 68एफ का अधिकतम उपयोग करने के निर्देश भी दिए गए।
राज्य में होने जा रहे पंचायत चुनावों के मद्देनजर, डीजीपी ने राज्यभर में सुरक्षा व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की और सभी अधिकारियों को स्वतंत्र, पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। आगामी त्योहारों के सीजन के मद्देनजर, उन्होंने आम जनता को न्यूनतम असुविधा सुनिश्चित करने के साथ-साथ भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में चौकसी बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
इस विशेष मीटिंग में पंजाब की विभिन्न इकाइयों के प्रमुख, जिनमें एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ए.एन.टी.एफ.), रेलवे, एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (ए.जी.टी.एफ.), काउंटर इंटेलिजेंस, आंतरिक सुरक्षा, कानून-व्यवस्था, इंटेलिजेंस, प्रशासन, ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन, कम्युनिटी अफेयर्स डिवीजन और प्रोविज़निंग आदि ने भाग लिया। बैठक में पंजाब के सभी वरिष्ठ पुलिस कप्तान (एसएसपी), पुलिस कमिश्नर (सीपीज), और रेंज आईजी/डीआईजी भी उपस्थित थे।