नई दिल्लीः भारत में गाड़ियों के प्रदूषण को लेकर हमेशा ही एक बहस चलती रहती है। आपने अक्सर सुना होगा कि ये कहा जाता है कि डीजल और पेट्रोल की गाड़ियों से प्रदूषण सबसे ज्यादा फैलता है। वहीं दिल्ली सरकार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने एक नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में कहा गया है कि राजधानी में कई अधिकारी ऐसे वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं जिन पर ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत रोक लगाई गई है। देश की राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के चलते कुछ विशेष पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों के आवागमन पर रोक है, क्योंकि ये वाहन प्रदूषण को और ज्यादा बढ़ा रहे हैं।
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी वजह से देश की राजधानी दिल्ली में कॉमर्शियल व्हीकल्स के अलावा BS3 पेट्रोल और BS4 डीजल वाहनों को चलाने पर बैन है। इसका मतलब है कि दिल्ली में 10 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहन और 15 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों को चलाने पर पाबंदी है।
एनजीटी ने दिल्ली सरकार को भेजे गए नोटिस में जवाब मांगा है कि ग्रैप-4 के तहत बैन किए गए पेट्रोल और डीजल वाहनों का इस्तेमाल अभी तक कुछ अधिकारी क्यों कर रहे हैं। दिल्ली में इन वाहनों का इस्तेमाल करने वाले लोगों का 20 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। एनजीटी ने इन पुराने वाहनों पर पहले से ही बैन लगा रखा है। लेकिन राजधानी में अभी भी कई ऐसे सरकारी वाहन चलाए जा रहे हैं जो बैन किए गए व्हीकल्स की लिस्ट में आते हैं।
एनजीटी ने दिल्ली सरकार को 107 वाहनों की लिस्ट भेजी है, जिसमें बताया गया है कि दिल्ली में एनसीटी के अधिकारी 10 से 15 साल पुराने वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। दिल्ली सरकार के पास इस समय करीब तीन हजार वाहन हैं। एनजीटी ने इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार को 20 फरवरी 2025 तक एक्शन लेने की बात कही है।