ऊना/ सुशील पंडित: अटल बिहारी वाजपेई राजकीय महाविद्यालय, बंगाणा में चल रहे एनएसएस के सात दिवसीय विशेष शिविर के पांचवे दिन का विषय महिला सशक्तिकरण और सड़क सुरक्षा था। कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना सभा से हुई, उसके बाद स्वयंसेवियों ने योगा सत्र में भाग लिया। इसके बाद, सभी ग्रुप लीडर्स ने एनएसएस प्रोग्राम ऑफिसर प्रोफ़ेसर सिकंदर नेगी को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। सत्र की शुरुआत में, ग्रुप लीडर स्नेहा ने पिछले दिन की गतिविधियों पर रिपोर्ट दी और आज के विचार पर चर्चा की।
इस दिन की मुख्य गतिविधियाँ पाँच सत्रों में आयोजित की गईं। पहले सत्र में मुख्य अतिथि एवं रिसोर्स पर्सन, एडवोकेट सृष्टि चंद्र ने महिला सुरक्षा के लिए भारतीय दंड संहिता में प्रावधानों, महिला अधिकारों पर डिजिटल साक्षरता के प्रभाव पर अपने विचार साझा किए। दूसरे सत्र में महिला सशक्तिकरण पर फन गेम्स का आयोजन किया गया, जिसमें कुर्सी रेस, थ्री लेग रेस, चम्मच रेस और रस्साकशी जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। तीसरे सत्र में स्वयंसेवियों ने सड़क सुरक्षा पर जागरूकता फैलाने के लिए एक भव्य रैली निकाली।
चौथे सत्र में हिमाचल प्रदेश महिला आयोग की सदस्य श्रीमती इंदु बाला ने महिला सशक्तिकरण और 21वीं सदी में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर अपना वक्तव्य दिया।पाँचवे सत्र में स्वयंसेवियों के मध्य महिला सशक्तिकरण और तीसरी दुनिया के संदर्भ में सड़क सुरक्षा पर समाधान और विचार प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर एनएसएस कैप्टन तीक्ष्ण , एनएसएस प्रेजिडेंट गौरव, उप प्रधान शुभम शर्मा, सचिव परीक्षा और समिति के सदस्य भी उपस्थित थे। यह दिन महिलाओं के अधिकारों, सशक्तिकरण और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हुआ।