ऊना/ सुशील पंडित: संत मीराबाई के 525वें जन्मवर्ष के उपलक्ष्य में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्था ‘संगीत नाटक अकादेमी’ द्वारा, देश भर में ‘कला धरोहर’ श्रंखला के अंतर्गत, मीरा के भजनों पर आधारित देश के प्रतिष्ठित कलाकारों द्वारा संचालित कार्यशालाओं एवं कला-प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा है।
इसी क्रम में, हिमाचल प्रदेश के भाषा एवं संस्कृति विभाग के सहयोग से, आज उना के राजकीय उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय में प्रतिष्ठित संगीतज्ञ एवं दिल्ली विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर ओजेश प्रताप सिंह द्वारा एक सांगीतिक कार्यशाला संचालित की गई जिसमें उन्होंने विद्यार्थियों को संत मीराबाई के भजन सिखाए।
इस कार्यशाला का उदघाटन प्रदेश के उच्च माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक अमरदीप शर्मा ने किया। दो दिवसीय इस कार्यशाला में आज प्रोफ़ेसर ओजेश ने मीराबाई के सुप्रसिद्ध पद ‘ पायो जी मैं तो राम रतन धन पायो’ तथा ‘हरि मेरो जीवन प्राण आधार’ बालिकाओं को सिखाए। समस्त बालिकाओं ने इस कार्यशाला में अत्यंत उत्साह के साथ भजन सीखे और गाये।
उनके साथ ही विद्यालय के शिक्षकगण भी इस सांगीतिक कार्यशाला से लाभान्वित हुए। हारमोनियम पर डॉ. आशिक़ कुमार तथा तबले पर संगति सागर गुजराती ने की।
यह कार्यशाला कल भी जारी रहेगी। जिसमें संत मीराबाई के अन्य कुछ भजन विद्यार्थियों को सीखने का अवसर प्राप्त होगा और अंत में, प्रोफ़ेसर ओजेश प्रताप सिंह के भजन प्रस्तुतियों के साथ ही इस कार्यशाला का समापन होगा।