अंबालाः किसान आंदोलन 2.0 को लगभग 1 साल हो चुका है और किसान लगातार अपनी विभिन्न मांगों को लेकर खनौरी और शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। इस आंदोलन के कारण शंभू बॉर्डर बंद होने से आम जनता को अब कच्चे रास्तों से पंजाब की तरफ जाना पड़ रहा है, जिससे उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अंबाला के पास स्थित शंभू बॉर्डर को प्रशासन द्वारा पक्की बैरिकेटिंग के साथ बंद किया गया था, वहीं शंभू टोल प्लाजा से 500 मीटर पहले प्रशासन ने रास्ता बंद कर दिया था। इससे लोग 152 डी नेशनल हाईवे की तरफ भी नहीं जा पा रहे थे। हालांकि, अब प्रशासन ने इस बैरिकेटिंग को हटा दिया है और अब लोग आसानी से 152 डी की तरफ जा पा रहे हैं।
शंभू टोल प्लाजा से 100 मीटर पहले गाड़ी चालक अपनी गाड़ी को मोड़कर 152 डी नेशनल हाईवे से अपने गंतव्य तक जा पा रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए रवि चौधरी ने बताया कि वह फरीदाबाद से चंडीगढ़ मोहाली जा रहे थे, लेकिन शंभू बॉर्डर पर रास्ता बंद होने के कारण उन्हें दूसरा रास्ता अपनाना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस रास्ते के बंद होने से रोजाना आम जनता को काफी परेशानी हो रही है और उन्हें घूमकर अपनी मंजिल तक जाना पड़ता है। वह सरकार से जल्द समाधान की अपील करते हैं और शंभू बॉर्डर खोलने की मांग करते हैं।
भूपिंदर सैनी, जो एक गायक हैं और अपने स्टूडियो मोहाली जा रहे थे, ने बताया कि रास्ता बंद होने के कारण उन्हें अब घूमकर जाना पड़ रहा है। वह कहते हैं कि अपने बिजनेस के सिलसिले में वह अक्सर चंडीगढ़ या पंजाब की तरफ जाते रहते हैं, लेकिन इस बंद रास्ते के कारण उन्हें भारी परेशानियां हो रही हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि शंभू बॉर्डर खोला जाए ताकि आम जनता की समस्या का समाधान हो सके।