नई दिल्ली। राजधानी में स्कूलों के खुलने की संभावना या प्रस्ताव से दिल्ली सरकार ने इनकार कर दिया है। दिल्ली सरकार के अनुसार फिलहाल ऐसा कोई विचार नहीं है कि राजधानी में स्कूलों को खोला जाए। हालांकि सरकार की ओर से ये भी कहा गया है कि फरवरी के पहले सप्ताह में कोरोना के मामलों को देखते हुए स्थिति की समीक्षा की जाएगी और उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। इससे पहले ये खबर थी कि राजधानी में अब जल्द ही सरकार स्कूलों को खोलने पर भी विचार कर सकती है।
इससे पहले सरकार ने नाइट कर्फ्यू हटाने, ऑड इवन को बाजारों के लिए खत्म करने और निजी ऑफिसों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने का प्रस्ताव भी दिया था। लेकिन एलजी अनिल बैजल ने नाइट कर्फ्यू हटाने और ऑड इवन को खत्म करने के प्रस्ताव पर सहमति न जताते हुए इन्हें अस्वीकार कर दिया। हालांकि उन्होंने 50 प्रतिशत क्षमता के साथ निजी दफ्तरों को खोलने की बात को स्वीकार कर लिया है।
गौरतलब है कि दिल्ली में कम होते मामलों के चलते सरकार ने बंदिशों को कम करने का फैसला किया था। हालांकि एलजी अनिल बैजल ने इस प्रस्ताव में से केवल एक ही बात को मानते हुए बाकि दो बातों को अस्वीकार कर दिया है।
इससे पहले दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार की ओर से नाइट कर्फ्यू हटाने, ऑड इवन को बाजारों के लिए खत्म करने और निजी दफ्तरों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की बात कही थी। ससोदिया ने कहा कि जब कोविड बढ़ रहा था, तब कई पाबंदियां लगीं। अब कोरोना का पीक निकल गया है। हालात सुधर रहे हैं। लोगों की रोजी रोटी चलती रहे, व्यापार चलता रहे। कोरोना और लॉकडाउन की वजह से नौकरियां चली गई हैं। एलजी साहब के पास प्रस्ताव भेज दिया है।एलजी के यहां से अप्रूवल मिल जाएगा, तो सभी को राहत मिलेगी। वहीं स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैने ने कहा था कि राजधानी में पॉजिटिविटी रेट कम हो गई है और शुक्रवार को दस हजार से भी कम मामले आने की संभावना है। उन्होंने कहा था कि दिल्ली के अन्दर 1 लाख केस की संभावना वाला खतरा टल गया है। दिल्ली के अंदर कोरोना पीक हट चुका है और केस कम हो रहे हैं।