जालंधर/अनिल वर्मा/वरुण अग्रवाल। कलम की ताकत का गल्त इस्तेमाल कर निगम के कुछ अधिकारी अवैध बनी बिल्डिंग में खुले होटल को हरी झंडी देने की तैयारी कर रहे हैं। इस होटल की दो पैरलर फाईलें तैयार हुई । एक फाईल में निगम खुद बिल्डर को अवैध निर्माण रोकने के लिए कई नोटिस जारी कर रहा है और दूसरी फाईल में रेडियो वाला खुद की बिल्डिंग को पुराना बता कर इसे रैगुलर करवाने के लिए दिग्गज कांग्रेसी नेता के जरिए प्रशासन पर दबाव बना रहा है। माना जा रहा है कि प्रशासनिक अधिकारी अब पुराने रिकार्ड को खुर्द पुर्द कर बड़ा कांड करने की तैयारी कर रहे हैं।
इसी बीच दिलचस्प बात सामने आई है कि इन दोनो फाईलों का रिकार्ड एक जागरुक नागरिक ने पहले ही हासिल कर लिया है जिसमें रैगुलर करने की फाईल को लगभग रिजैक्ट कर दिया गया था। अब वह निगम द्वारा किए जाने वाले इस कांड का इंतजार कर रहा है जिसके बाद निगम में कई अधिकारियों की नौकरी दांव पर लगनी लगभग तय मानी जा रही है। उक्त व्यक्ति ने अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि उक्त होटल पूरी तरह से अवैध बनाया गया है तथा इस होटल के पीछे दो रिहायशी मकानों को भी साथ जोड़ा गया है जिसकी रजिस्ट्री नहीं है।
बिल्डिंग बाईलाज अनुसार किसी भी जगह की मालिकी के बिना वहां निर्माण को रैगुलर नहीं किया जा सकता। खास बात यह है कि इस होटल के आगे एक इंच भी पार्किग नहीं छोड़ी गई। इस पूरे कांड को सिरे चढ़ाने के लिए एक बड़े अधिकारी को कमान सौंपी गई है तांकि कोड आॅफ कंडक्ट लगने से पहले इस होटल को रैगुलर कर दिया जाए।
फिलहाल इस मामले में संबंधित अधिकारी कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यह मामला काफी गर्माने के आसार हैं।