पठानकोटः जिले में किसानों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, एक ओर किसान केंद्र से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे है, दूसरी ओर बारिश ना होने के चलते उनकी फसले सूख गई है। जिसके चलते किसानों की परेशानी बढ़ गई है। अधिक बारिश ना होने के कारण पठानकोट के कंडी क्षेत्र के किसानों की फसलें खराब हो रही हैं क्योंकि पठानकोट के कंडी इलाके में किसान बारिश के पानी पर निर्भर हैं, जिसके चलते कंडी का किसान चिंतित नजर आ रहा है।
इस संबंध में जब किसानों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस बार बारिश बहुत कम हुई है जिसके चलते गेहूं की फसलों की लंबाई जहां कम हुई है, वहीं गेहूं की फसलों को तेल भी लग रहा है, जिससे उनकी फसलें खराब हो रही हैं। उन्होंने बताया कि पठानकोट कंडी क्षेत्र जहां अधिकांश फसलों की सिंचाई बारिश पर ही निर्भर करती है, लेकिन बारिश की कमी के चलते उनकी फसलें बहुत छोटी रह गई हैं। कई किसान भाइयों ने बताया कि बेशक वे ट्यूबवेल से पानी लगा रहे हैं, लेकिन ट्यूबवेल के पानी का इतना लाभ नहीं मिलता जितना लाभ बारिश के पानी का मिलता है।
उन्होंने बताया कि ट्यूबवेल का पानी फसलों की जड़ों तक ही जमीन में जाता है जबकि बारिश का पानी फसलों के पत्तों, सतह से धरती के नीचे पहुंचता है, जो कि फसलों की सफाई भी करता है, जिससे तेल गिर जाता है और फसलें खराब नहीं होती हैं। उन्होंने बताया कि फसलों से तेल गिराने के लिए उन्हें कई तरह के स्प्रे करने पड़ेंगे, जिससे उन्हें खर्चा भी आएगा और फसलों का गिरावट भी बहुत कम होगा।
जब उनसे पूछा गया कि प्रशासन की ओर से कोई मदद की जाती है तो उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले धान की फसल भी बहुत ज्यादा खराब हो गई थी, प्रशासन की ओर से गिरदावरी भी कराई गईं, लेकिन किसानों को मुआवजा नहीं मिला। उन्होंने कहा कि कंडी का किसान भगवान आसरे ही है, प्रशासन उनकी कोई भी मदद नहीं करता, जिसके चलते कई बार किसान कर्ज में भी डूब जाते हैं।