फतेहगढ़ साहिबः जिले में शहीदी सभा की तैयारियों के बीच पब्लिक टॉयलेट से नरकंकाल बरामद होने का मामला सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार नरकंकाल को दीमक खा गई थी। दरअसल, शहीदी सभा से पहले तैयारियों के क्रम में विभाग ने इन पब्लिक टायलेट्स को साफ-सफाई के लिए खोले गए। वहीं गुरुद्वारा श्री ज्योति स्वरूप साहिब के सामने बने टॉयलेट ब्लॉक को खोला गया तो वहां एक लाश मिली। जिसे दीमक खा गई थी, लिहाजा वह नर कंकाल में तब्दील हो चुकी थी।
बताया जा रहा है कि टायलेट के संचालन और रखरखाव का जिम्मा वाटर सप्लाई और सेनिटेशन विभाग के पास है। जिसकी सूचना विभाग को दी गई। वहीं विभाग ने घटना की सूचना पुलिस को दी और कागजी कार्रवाई करते हुए नरकंकाल को सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया। बताया जा रहा है कि शुरुआती पोस्टमार्टम के बाद नरकंकाल को फॉरेंसिक जांच के लिये एसएफएल खरड़ भेज दिया गया। उधर, एसएमओ डॉ. केडी सिंह ने बताया कि नरकंकाल का परिक्षण करने के बाद फॉरेंसिक जांच के लिये भेज दिया गया है। शव कई माह पुराना हो सकता है, रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में दावे से कुछ कहा जा सकता है।
जानकारी के अनुसार शहीदी सभा के दौरान लाखों की तादात में पहुंचने वाली संगत की सहूलियत के लिए 6 करोड़ 64 लाख की लागत से 17 टॉयलेट ब्लॉक पिछले साल बनवाये गये थे। बताया जा रहा हैकि पब्लिक टॉयलेट ब्लॉक्स को लोहड़ी के बाद बंद कर दिया था। विभाग ने 11 महीनों के दौरान करोड़ों की लागत से बने टायलेट्स को मेंटिनेंस और साफ सफाई तक के लिए नहीं खोला। करोड़ों की लागत से संगत की सुविधा के लिए बने पब्लिक टायलेट्स के रखरखाव का जिम्मा वाटर सप्लाई एंड सेनिटेशन विभाग के पास है।
इस मामले को लेकर एक्सईएन ईशान कौशल का कहना है कि कंकाल मिलने की जानकारी तो उन्हें है, लेकिन एडिशनल चार्ज होने के कारण इससे ज्यादा जानकारी उनके पास नहीं है। वहीं, विभाग के एसडीओ गौतम जिंदल कहते हैं कि कुछ माह पहले ही टायलेट्स को संगत के लिये खोला गया था। हालांकि एसडीओ यह नहीं बता पाये कि कितना समय पहले टायलेट्स को संगत के लिये या फिर साफ सफाई के लिये खोला गया था।
इस मामले पर डीसी डॉ. सोना थिंद का कहना है कि अभी यह मामला उनकी जानकारी में आया ही नहीं। वह पुलिस व संबंधित अधिकारियों से इसकी पूरी जानकारी लेंगी। डीसी ने कहा कि अगर किसी भी स्तर पर लापरवाही सामने आती है तो बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गुरुद्वारा श्री ज्योति स्वरूप साहिब के नजदीक रहने वाले और सामाजिक जत्थेबंदियों से जुड़े तिरलोचन सिंह लाली का कहना हैं कि लोहड़ी के बाद बंद किये गये पब्लिक टायलेट्स को साल भर खोला ही नहीं गया। पब्लिक टायलेट के अंदर से कंकाल बन चुकी लाश का मिलना विभाग की लापरवाही को दर्शाता है। साथ ही यह सरकार के पैसे व संसाधनों की बर्बादी है।