चंडीगढ़ः पीजीआई चंडीगढ़ में एक मरीज के साथ आए उसके परिजन ने एक महिला ने डॉक्टर के साथ मारपीट कर दी। पीजीआई की इमरजेंसी में ड्यूटी के दौरान महिला डॉक्टर के साथ हुई मारपीट के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना के बाद इमरजेंसी के डॉक्टरों ने काम ठप कर दिया है। मामला इतना गरमा गया है कि डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज करने से मना कर दिया है। रात आठ बजे के बाद से इमरजेंसी में भर्ती मरीजों को इलाज नहीं मिल रहा है।
वहीं देर रात तक डॉक्टरों का विरोध जारी है। लगभग तीन घंटे से इमरजेंसी में नए मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। इमरजेंसी के मुख्य गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी किसी को भी अंदर आने नहीं दे रहे हैं। इमरजेंसी के बाहर मरीजों की लाइन लग रही है। मरीज स्ट्रेचर पर कहरा रहे हैं। स्थिति बिगड़ती जा रही है। वहीं इलाज न मिलने से एक मरीज की मौत होने की सूचना है। जानकारी के अनुसार पीजीआई की इमरजेंसी में भर्ती एक मरीज के साथ आई महिला ने रेजिडेंट डॉक्टर के साथ मारपीट की है। घटना सोमवार रात 8 बजे की है। इस घटना के बाद डॉक्टरों ने इमरजेंसी में काम ठप कर दिया है। नए मरीजों को इमरजेंसी में भर्ती नहीं किया जा रहा है।
सभी रेजिडेंट डॉक्टर एक जगह इकट्ठा होकर रोष प्रदर्शन कर रहे हैं। चिकित्सकों की मांग है कि डॉक्टर के साथ मारपीट करने वाली महिला के खिलाफ पुलिस के दर्ज नहीं किया जाता है तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे। महिला डॉक्टर के साथ हुई मारपीट की घटना को लेकर विभाग के एचओडी और अन्य डॉक्टर मौके पर मौजूद हैं। वहीं पीजीआई के डायरेक्टर विवेक लाल भी मौके पर पहुंचे हैं। इमरजेंसी में खासी भीड़ लगी है। सुरक्षाकर्मी भीड़ हटाने में जुटे हैं। वहीं, घटना की सूचना मिलने पर पीजीआई चौकी पुलिस सवा 10 बजे मौके पर पहुंची। इमरजेंसी के मेन गेट पर डॉक्टरों और पुलिस के बीच बातचीत हो रही है।
सोमवार शाम करीब सात बजे नेहरू अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में एक मरीज के रिश्तेदार ने खिड़की के शीशे तोड़ दिए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रविवार रात को 50 वर्षीय मरीज को इमरजेंसी सर्जरी ओपीडी में भर्ती कराया गया था। सोमवार को मरीज की हालत गंभीर हो गई और वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था, लेकिन कुछ देर बाद ही उसकी मौत हो गई। बता दें कि कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुई घटना के विरोध में पीजीआई के रेजिडेंट डॉक्टर बढ़चढ़ कर शामिल हुए थे।
डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। कोलकाता की घटना के विरोध में पीजीआई के डॉक्टरों ने 12 से 22 अगस्त तक हड़ताल की थी। हड़ताल की वजह से ओपीडी में लगभग एक लाख से ज्यादा मरीजों का इलाज बाधित हुआ था। वहीं, 26 सितंबर को पीजीआई के सुरक्षाकर्मी के साथ चंडीगढ़ पुलिस के कांस्टेबल ने मारपीट की थी। देर रात तक डॉक्टरों का विरोध जारी है। लगभग तीन घंटे से इमरजेंसी में नए मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। इमरजेंसी के मुख्य गेट पर तैनात सुरक्षाकर्मी किसी को भी अंदर आने नहीं दे रहे हैं। इमरजेंसी के बाहर मरीजों की लाइन लग रही है।