नई दिल्लीः भारतीय संस्कृति में हर काम की शुरुआत शुभ मुहूर्त से ही की जाती है, खासकर जब विवाह शादी का मौका हो और देवउठनी एकादशी के बाद से ही मुंडन, शुभ विवाह, गृह प्रवेश, सगाई आदि जैसे किए गए मांगलिक कार्यों को बहुत ही शुभ माना जाता है। इस बार 12 नवंबर यानी आज के दिन देवउठनी एकादशी पड़ रही है। देवउठनी एकादशी के दिन से श्री हरि चार महीने की योग निद्रा से जाग जाते हैं।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार शुभ मुहूर्त में विवाह करने से दांपत्य जीवन में खुशियां बनी रहती हैं। शुभ मुहूर्त में मांगलिक काम करने से जीवन में ग्रह दोषों से संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इस बार देवउठनी एकादशी पर ये मुहूर्त शुभ रहेंगे।
तिथि नक्षत्र मुहूर्त
नवंबर 12 द्वादशी और उत्तराभाद्रपद सायं 04:04 से 07:10 तक
नवंबर 13 त्रयोदशी और रेवती दोपहर 03:26 से रात्रि 09:48 तक
नवंबर 16 द्वितीया और रोहिणी प्रातः 11:48 से अगले दिन 06:47 तक
नवंबर 17 द्वितीया, तृतीया और रोहिणी, मृगशिरा प्रातः 06:47 से अगले दिन प्रातः 06:4 तक
नवंबर 18 तृतीया और मृगशिरा प्रातः 06:48 से प्रातः 07:56 तक
नवंबर 22 अष्टमी और मघा रात्रि 11:44 से अगले दिन प्रातः 06:51 तक
नवंबर 23 अष्टमी और मघा प्रातः 06:51 से प्रातः 11:42 तक
नवंबर 25 एकादशी और हस्त रात्रि 01:01 से अगले दिन प्रातः 06:53 तक
नवंबर 26 एकादशी और हस्त प्रातः 06:53 से अगले दिन प्रातः 04:35 तक
नवंबर 28 त्रयोदशी और स्वाती प्रातः 07:36 से अगले दिन प्रातः 06:54 तक
नवंबर 29 त्रयोदशी और स्वाती प्रातः 06:54 से अगले दिन प्रातः 08:39 तक
दिसंबर 4 चतुर्थी और उत्तराषाढ़ा सायं 05:15 से अगले दिन रात्रि 01:02 तक
दिसंबर 5 पंचमी और उत्तराषाढ़ा दोपहर 12:49 से सायं 05:26 तक
दिसंबर 9 नवमी और उत्तराभाद्रपद दोपहर 02:56 से अगले दिन रात्रि 01:06 तक
दिसंबर 10 दशमी, एकादशी और रेवती रात्रि 10:03 से अगले दिन प्रातः 06:13 तक
दिसंबर 14 चतुर्दशी और रोहिणी प्रात: 07:04 से सायं 04:58 तक
दिसंबर 15 पूर्णिमा और मृगशिरा प्रातः 03:42 से अगले दिन प्रातः 07:04 तक