चंडीगढ़/फरीदकोट, 11 नवंबर 2024: पंजाब पुलिस (Punjab Police) ने गैंगस्टर से आतंकवादी बने अर्श डल्ला (Arsh Dalla) के दो शूटरों को गिरफ्तार कर गुरप्रीत सिंह हरी नौ (Gurpreet Singh Hari Nau) हत्या मामले को सुलझाने में बड़ी सफलता पाई है। पुलिस की इस कार्रवाई से न केवल चार संभावित टारगेट किलिंग्स (target killings) को रोका गया है, बल्कि तीन सनसनीखेज मामलों का भी खुलासा हुआ है। इस ऑपरेशन को स्टेट स्पेशल ऑपरेशंस सेल (SSOC) मोहाली, एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) और फरीदकोट जिला पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से अंजाम दिया गया।
गिरफ्तार शूटरों की पहचान और उनके आपराधिक इतिहास का खुलासा
फरीदकोट की सीनियर सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (SSP) डॉ. प्रज्ञा जैन (Dr Pragya Jain) ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान अनमोलप्रीत सिंह उर्फ विशाल, निवासी भादौड़, बरनाला और नवजोत सिंह उर्फ नीतू, निवासी निज्जर रोड, खरड़ के रूप में हुई है। पुलिस टीमों ने उनके एक सहयोगी बलवीर सिंह उर्फ कालू, जो आरोपी नवजोत सिंह का भाई है, को भी गिरफ्तार किया है। बलवीर ने अपराधियों को शरण और सहायता प्रदान की थी। सभी गिरफ्तार आरोपी पहले से ही आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं।
हत्या में प्रयुक्त हथियार और अन्य सामान की बरामदगी
पुलिस ने इनके पास से दो अत्याधुनिक पिस्तौलें – एक ज़िगाना 9mm पिस्तौल जिसमें सात जिंदा कारतूस, और एक .30 बोर पिस्तौल जिसमें चार जिंदा कारतूस, ₹27,500 नकद और एक फर्जी आधार कार्ड भी बरामद किया है। इन वस्तुओं का उपयोग विभिन्न आपराधिक कार्यों को अंजाम देने के लिए किया जा रहा था।
गुरप्रीत सिंह हरी नौ की हत्या का खुलासा
गुरप्रीत सिंह हरी नौ उर्फ भोदी की 9 अक्टूबर 2024 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह गांव गुरुद्वारा साहिब से अपने घर लौट रहे थे, जब उन पर हमला हुआ। एसएसपी डॉ. प्रज्ञा जैन के अनुसार, अर्श डल्ला ने नवजोत उर्फ नीतू को गुरप्रीत सिंह को टारगेट करने का निर्देश दिया था। नवजोत ने इस कार्य को पूरा करने के लिए अपने सहयोगी अनमोलप्रीत सिंह उर्फ विशाल को भी शामिल किया।
शूटर्स की गिरफ्तारी और फरारी के दौरान ठिकानों का खुलासा
हत्या को अंजाम देने के बाद, आरोपी कई शहरों में विभिन्न ठिकानों पर छिपते रहे, जिनमें अमृतसर, एसबीएस नगर, हिमाचल- पंजाब बॉर्डर, चंडीगढ़, मोहाली और खरड़ शामिल थे। अर्श डल्ला ने उन्हें धन और नशीले पदार्थों की आपूर्ति भी की थी, जो उन्हें अधिकांशतः सार्वजनिक स्थानों से प्राप्त होते थे।
ग्वालियर में हत्या और अन्य आपराधिक मामलों का संबंध
जांच के दौरान यह भी पता चला कि अर्श डल्ला के निर्देश पर आरोपियों ने 8 नवंबर को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में जसवंत सिंह गिल की हत्या की थी। जसवंत एक आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी थे, जिन्हें 15 दिनों के लिए पैरोल पर रिहा किया गया था। हत्या के बाद आरोपी पंजाब लौट आए थे, जहाँ खरड़ में पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन में उन्हें गिरफ्तार किया।
जिरकपुर में धमकी और फायरिंग की घटना
इन आरोपियों का जिक्रपुर में 18 अक्टूबर को एक व्यापारी को धमकी देने और फायरिंग करने में भी हाथ था। इस घटना में उन्होंने मुख्य प्रवेश द्वार पर अर्श डल्ला का नाम लिखी पोस्टर लगाई थी। पुलिस ने इस मामले में सीसीटीवी फुटेज की मदद से उनकी पहचान की। फुटेज में उन्हें बाइक पर आते, फायरिंग करते और पोस्टर लगाते देखा गया।
आगे की जांच और संभावित टारगेट किलिंग्स का खुलासा
एसएसपी डॉ. प्रज्ञा जैन ने बताया कि इस गिरफ्तारी से कम से कम चार संभावित टारगेट किलिंग्स को नाकाम कर दिया गया है। आरोपी पंजाब में प्रमुख शहरों में विभिन्न प्रतिष्ठित व्यक्तियों को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे, जिसे पुलिस की सतर्कता ने विफल कर दिया। इस मामले में कोटकपूरा पुलिस स्टेशन में FIR नंबर 159 दर्ज की गई है।