जालंधर, 12 नवंबर 2024: पंजाब के जालंधर जिले में धान की फसल उठान में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की गई है, जहाँ एक ही दिन में 35,078 मीट्रिक टन (MT) धान की उठान की गई। यह इस सीजन का सबसे बड़ा दैनिक रिकॉर्ड है। जालंधर के डिप्टी कमिश्नर (DC) डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने आज बताया कि जिला प्रशासन द्वारा मंडियों में धान की उठान के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इसके अंतर्गत किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए समय पर फसल उठान और भुगतान की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जा रहा है।
Highlights:
- रिकॉर्ड 35,000 MT धान की उठान: जालंधर में एक ही दिन में 35,078 MT धान उठाई गई, जो इस सीजन का अब तक का सबसे ऊँचा आंकड़ा है।
- किसानों को 1970 करोड़ का भुगतान: प्रशासन ने किसानों के लिए 1970 करोड़ रुपये का भुगतान सुनिश्चित कर दिया है, जिससे उन्हें समय पर आर्थिक सहायता मिल सके।
- प्रशासन की सख्त निगरानी: डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि फसल उठान में कोई भी ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी और अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई होगी।
डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि प्रशासन धान की खरीद प्रक्रिया को सुचारू और तेज बनाने के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक 4,95,235 MT धान की उठान पूरी हो चुकी है, जिसमें सरकारी एजेंसियों द्वारा धान की बड़ी मात्रा को नियंत्रित तरीके से उठाने का काम किया गया है। उनके अनुसार, मंडियों में खरीद और उठान के साथ-साथ किसानों को समय पर भुगतान देने के लिए प्रशासन के स्तर पर व्यापक तैयारियाँ की गई हैं।
किसानों को मिला 1970 करोड़ का भुगतान
किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से, जालंधर प्रशासन ने 1970 करोड़ रुपये का भुगतान सुनिश्चित किया है। प्रशासन के इस कदम से किसानों को समय पर वित्तीय सहायता मिल रही है, जिससे वे आने वाले रबी सीजन की तैयारी कर सकते हैं।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि पेंडिंग भुगतान की स्थिति को खत्म करने के लिए प्रशासन ने विशेष कदम उठाए हैं। सभी मंडियों में खरीद और उठान की गति को बढ़ाया गया है ताकि किसानों को मंडियों में किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार नियमित रूप से मंडियों में धान की खरीद और उठान की प्रक्रिया की समीक्षा कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई किसान फसल उठान में देरी या भुगतान में रुकावट का शिकार न हो।
धान खरीद और उठान पर डीसी की सख्त निगरानी
डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि प्रशासन मंडियों में धान की खरीद और उठान की प्रक्रिया को नियंत्रित और पारदर्शी तरीके से कर रहा है। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि उठान में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा लापरवाही पाई जाती है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर मंडी में उठान की प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती रहे और सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को कोई असुविधा न हो। साथ ही, डॉ. अग्रवाल ने बताया कि सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि फसल उठान के काम में तेजी लाई जाए, ताकि मौसम या अन्य किसी वजह से उठान में किसी प्रकार की समस्या न आए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मंडियों में किसी प्रकार की अव्यवस्था या असुविधा की स्थिति को सख्ती से नियंत्रित किया जाएगा।
प्रशासन की योजना और सुचारू व्यवस्था
प्रशासन ने मंडियों में धान की उठान के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। इसके तहत सरकारी एजेंसियों द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए हैं ताकि फसल उठान की प्रक्रिया बाधारहित और व्यवस्थित रूप से संपन्न हो सके। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि प्रशासन ने हर मंडी में उठान की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त मशीनरी और जनशक्ति लगाई है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में उठान की प्रक्रिया में और तेजी लाई जाएगी ताकि खरीफ फसल की जल्द से जल्द निपटान हो सके।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार सभी मंडियों में उठान और खरीद प्रक्रिया को नियमित रूप से मॉनिटर किया जा रहा है, जिससे समय पर फसल उठान और भुगतान सुनिश्चित हो सके। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि प्रशासन किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए हरसंभव प्रयास कर रहा है ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।
पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता
डिप्टी कमिश्नर ने पंजाब सरकार की ओर से आश्वासन देते हुए कहा कि राज्य सरकार किसानों की फसल का एक-एक दाना खरीदेगी और समय पर उसका भुगतान करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही खरीद प्रक्रिया की निगरानी की जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसान अपनी उपज को सही कीमत पर बेच सकें। डॉ. अग्रवाल ने यह भी बताया कि प्रशासन का उद्देश्य है कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिले और उठान के दौरान कोई दिक्कत न हो।
उल्लेखनीय है कि सरकारी एजेंसियों द्वारा अब तक 8,72,308 MT धान की खरीद की जा चुकी है, जो इस सीजन की कुल खरीद में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।