जालंधर, ENS: यूरोपीय देश जॉर्जिया के माउंटेन रिसॉर्ट में काम करने वाले 12 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में से 11 भारतीय लोगों शामिल थे। इस मामले में स्थानीय मीडिया का कहना है कि सभी पीड़ित कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता से मर गए। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में इस बात की जानकारी दी है। हादसे में हुई लोगों की मौत के बाद जॉर्जियाई आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि मामले की जांच कर की जा रही है। इस घटना के कारण का पता लगाने के लिए एक फोरेंसिक जांच की टीम भी बनाई गई है।
जांच को शुरु कर दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि फोरेंसिक अपराध विज्ञान मौके पर काम कर रहे हैं और मामले से संबंधित व्यक्तियों से लगातार बात की जा रही हैं। जिसमें संगरूर की दपंति सहित लुधियाना, मोगा और जालंधर के व्यक्ति भी शामिल थे। हालांकि इस घटना को लेकर जॉर्जिया स्थित भारतीय दूतावास ने दुख प्रगट किया है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जारी एक प्रेस वक्तव्य में जॉर्जिया स्थित भारतीय दूतावास ने लिखा, “त्बिलिसी स्थित भारतीय दूतावास जॉर्जिया के शहर गुडौरी में 12 भारतीय नागरिकों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत के बारे में जानकर दुखी है। हम उनके परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।”
वहीं जालंधर के लद्देवाली फ्लाईओवर के साथ लगते कोट रामदास में रहने वाले व्यक्ति की भी इस घटना में मौत हो गई। मृतक की पहचान रविंदर के रूप में हुई है। मृतक की पत्नी कंचन ने बताया कि उसके 3 बच्चे है और जिस बेटे के लिए रविंदर विदेश में गए थे वह उसका मुंह तक नहीं देख पाए। मामले की जानकारी देते हुए कंचन की बहन नीलम ने कहा कि जिस रात जार्जिया में तूफान आया उस दिन बहन के साथ उनकी बात हुई थी। उन्होंने वहां पर तूफान के बारे में शुक्रवार को जानकारी दी और तूफान में काफी नुकसान हो गया।
नीलम ने कहा कि वह 7 से 8 साल से विदेश में रह रहे है और उस दिन उनके पास रेस्टोरेंट में काम काफी था और पत्नी से बाद में बात करने के लिए कहा था। नीलम ने बताया कि रिश्तेदारों ने पैसे लगाकर रविंदर को दुबई भेजा था, लेकिन वहां पर एजेंट से उनके साथ धोखाधड़ी की, जिसके एक माह बाद रविंदर (जीजा) वापिस आ गए। इस दौरान दोबारा से उनके परिवार ने पैसे लगाकर रविंदर को विदेश भेजा। दुबई में कुछ साल बिताने के बाद वह 3 साल पहले जार्जिया में शिफ्ट हो गए, जहां पटियाला से जार्जिया में बसे 2 भाईयों के होटल में वह ऑर्डर लेने और बिलिंग का काम करते थे।
नीलम ने बताया परिवार के बच्चे काफी छोटे है और केवी स्कूल में तीनों पढ़ाई कर रहे है। बच्चों में एक पहली कक्षा में, दूसरा तीसरी और तीसरा बच्चा पांचवीं कक्षा में पढ़ रहा है। बच्चों में 2 बेटियां और एक बेटा शामिल है। ऐसे में परिवार ने प्रशासन से बच्चों की पढ़ाई में मदद की गुहार के साथ रविंदर के शव को भारत लाने के लिए गुहार लगाई है। परिवार ने बताया कि जार्जिया में पक्के होने के लिए पेपर तैयार किए हुए थे और उन पेपरों पर पंजाब का नंबर लिखा हुआ था। पेपर में पंजाब का नंबर देखकर वहां से युवक ने निधन के बारे में जानकारी दी।