जालंधर, ENS: शिरोमणि अकाली दल सुधार लहर के कंनवीनियर गुरप्रताप सिंह वडाला द्वारा आज दोपहर एक बजे प्रेस वार्ता रखी गई है। बताया जा रहा है कि इस मीटिंग में श्री अकाल तख्त साहिब ने विरसा सिंह वल्टोहा को अकाली दल पार्टी से 24 घंटे में 10 साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने सहित अन्य मुद्दों पर बात की जाएंगी। बताया जा रहा है कि प्रेस वार्ता में बीबी जागीर कौर, चंदूमाजरा, ढीनसा परिवार सहित अन्य सदस्य मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस मीटिंग में एसजीपीसी चुनाव को लेकर बात रखी जा रही है।
इस दौरान एसजीपीसी के घोटालेबाजी के आरोप लगाए जा रहे है। वहीं गुरप्रताप सिंह वडाला ने कहा कि तख्त श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह द्वारा दो दिन पहले इस्तीफा दे दिया गया था। जबकि बीते दिन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने इस्तीफा नामंजूर कर दिया गया। उनका कहना है कि आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ कि कोई जत्थेदार के खिलाफ बयानबाजी कर रहा हो। उन्होंने कहा कि अगर कोई बयानबाजी करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए जोकि शिरोमणि कमेटी द्वारा द्वारा रिकोमेंड की जानी है। उनका कहना है कि क्यों विरसा सिंह वल्टोहा पर कार्रवाई नहीं की जा रही। उनका आरोप है कि इस दौरान कारजकारी अध्यक्ष खुलकर यह बता क्यों नहीं कह रहा कि विरसा सिंह वल्टोहा ने इस्तीफा दे दिया है।
वहीं वल्टोहा के इस्तीफे दिए जाने को लेकर उनका कहना है कि गुनाहगार कैसे इस्तीफे दे रहा है। वडाला का कहना है कि अगर वल्टोहा ने इस्तीफा दे दिया है तो जत्थेदार से बाहर जाकर शिरोमणि अकाली दल कैसे एसेप्ट कर सकता है। वडाला ने कहा कि वल्टोहा ने जत्थेदार हरप्रीत सिंह पर भाजपा के साथ संबंध सहित कई अन्य आरोप लगाए थे। वडाला का कहना है कि जत्थेदार हरप्रीत सिंह ने वल्टोहा द्वारा लगाए गए ऐसे कई गंभीर आरोपो के चलते इस्तीफा दिया था। वडाला का कहना है कि जिस दिन ज्ञानी हरप्रीत सिंह के इस्तीफा देने के कुछ घंटे के बाद शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर धामी ने वीडियो जारी की थी, लेकिन उस दौरान उन्होंने इस्तीफा नामंजूद नहीं किया था।
वहीं वडाला का कहना है कि वल्टोहा द्वारा कारजकारी प्रधान बलविंदर सिंह बूंदड़ को निकालने के लिए जो बात कही गई थी, उस मुद्दे पर कोई बात क्यों नहीं हुई। वहीं सुखबीर सिंह बादल को लेकर वडाला का कहना हैकि उन्हें भी कोई सजा नहीं सुनाई गई, लेकिन तनखैया घोषित किया गया था। वडाला का आरोप है कि ज्ञानी रघुबीर सिंह की रिकार्डिंग वल्टोहा द्वारा की गई। इस दौरान सुखबीर बादल को कड़ी सजा दिए जाने को लेकर वल्टोहा द्वारा धमकी दी गई।