चंडीगढ़, 12 अक्टूबर 2024: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने शुक्रवार को राजभवन में वाइस-चांसलरों की अहम बैठक की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री ने शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए शिक्षाविदों से प्रोएक्टिव भूमिका निभाने का आह्वान किया।
भगवंत मान ने कहा, “राज्य की 40 यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर्स के कंधों पर यह जिम्मेदारी है कि वे ऐसे छात्र तैयार करें जो भविष्य में बड़े मुकाम हासिल कर सकें।” मुख्यमंत्री ने पंजाब को शिक्षा में राष्ट्रीय नेता बनाने का संकल्प लिया और गवर्नर की इस पहल की सराहना की।
मुख्य बिंदु:
- पंजाब में 43 सरकारी कॉलेजों को मिला NAAC एक्रेडिटेशन, 3 को A ग्रेड।
- मुख्यमंत्री ने AI तकनीक को कृषि, शिक्षा, वित्त और पुलिसिंग में लाने पर दिया जोर।
- गवर्नर ने NAAC प्रणाली में सुधार और छात्रों को अधिक अधिकार देने की बात की।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि सरकार ने विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा और आधुनिक लाइब्रेरी सुविधाएं प्रदान की हैं। उन्होंने बताया कि पंजाब के कॉलेजों में अब छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, जो पहले विदेश जाने की प्रवृत्ति से प्रभावित थे।
उन्होंने बिजनेस ब्लास्टर स्कीम के माध्यम से भविष्य के बिजनेस लीडर्स तैयार करने की दिशा में भी राज्य सरकार के प्रयासों को रेखांकित किया। मुख्यमंत्री ने कहा, “हम छात्रों को सिर्फ ग्रेड के आधार पर नहीं, बल्कि उनकी क्षमताओं के आधार पर आंका जाएगा।”
AI तकनीक और स्किल डेवलपमेंट पर जोर
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के चार प्रमुख विभागों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक लागू की जा रही है। उन्होंने कहा कि सड़कों की मरम्मत के लिए AI तकनीक से किए गए सर्वे में 4,000 किलोमीटर सड़कों का अतिरिक्त नेटवर्क सामने आया।
उन्होंने कहा कि प्रैक्टिकल और थ्योरी के बीच संतुलन जरूरी है और युवाओं की असीमित क्षमताओं को देश की प्रगति में भागीदार बनाया जाएगा। मान ने कहा, “ये छात्र हवाई जहाज की तरह हैं, और राज्य सरकार उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए लॉन्चपैड देगी।”
शिक्षा में नवाचार और रिसर्च को बढ़ावा
गवर्नर गुलाब चंद कटारिया ने शिक्षा क्षेत्र में अधिक निवेश की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “हमें शिक्षा में कम से कम GDP का 6% आवंटित करना चाहिए। चीन जैसे देश शिक्षा क्रांति के जरिए ही वैश्विक शक्ति बने हैं, और हमें भी अपने युवाओं के कौशल पर ध्यान केंद्रित करना होगा।”
कटारिया ने NAAC प्रणाली में सुधार की बात करते हुए कहा कि भविष्य में छात्र अपने संस्थानों का मूल्यांकन करेंगे, जिससे जवाबदेही बढ़ेगी। उन्होंने इंटर-इंस्टीट्यूट एक्सचेंज प्रोग्राम का सुझाव भी दिया और स्वदेशी संसाधनों के उपयोग पर जोर दिया।
गवर्नर ने कहा कि ऐसी कॉन्फ्रेंस वर्ष में दो बार आयोजित होनी चाहिए ताकि शिक्षा क्षेत्र में निरंतर सुधार हो सके। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने भी अपने विचार साझा किए। सम्मेलन का समापन पंजाब की शिक्षा प्रणाली को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के संकल्प के साथ हुआ।