अमृतसर। भारतीय महिला हमीदा बानो करीब 25 साल बाद पाकिस्तान से भारत लौटी हैं। वह आज दोपहर अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए भारत पहुंचीं। पाकिस्तान में उन्होंने बहुत कठिन समय बिताया। हमीदा बानो ने बताया कि इन 25 सालों में वह खुद को ‘जिंदा लाश’ जैसा महसूस करती थीं।
रिश्तेदारों ने किया स्वागत
हमीदा बानो की भारत वापसी पर उनके रिश्तेदार और लोकगीत अनुसंधान अकादमी के सदस्य उनका स्वागत करने अटारी सीमा पर पहुंचे। अमृतसर से अकादमी के अध्यक्ष रमेश यादव भी इस मौके पर मौजूद थे।
व्हीलचेयर पर हुई भारत में एंट्री
पाकिस्तान से भारत लौटते समय हमीदा बानो व्हीलचेयर पर थीं। पाकिस्तान आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें भारतीय आव्रजन अधिकारियों को सौंपा। भारतीय आव्रजन और सीमा शुल्क विभाग ने आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी की और फिर हमीदा बानो को जिला प्रशासन के तहसीलदार, अटारी के सुपुर्द कर दिया।
अस्पताल में हुआ इलाज
हमीदा बानो को अमृतसर के गुरु नानक देव अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। अस्पताल में उनकी स्थिति की जांच की गई और फिर वह मीडिया से मिलीं।
पाकिस्तान में शादी और बच्चों की परवरिश
हमीदा बानो ने बताया कि पाकिस्तान में उन्होंने एक सिंधी व्यक्ति से शादी की थी। उनके पति के चार बच्चे थे। हमीदा ने उन बच्चों की परवरिश की ।
वीडियो के जरिए हुआ संपर्क
हमीदा ने बताया कि वह भारत वापस आने के लिए बहुत लंबे समय से प्रयास कर रही थीं। आखिरकार, एक वीडियो के जरिए उन्होंने भारत में अपने परिवार से संपर्क किया। परिवार ने भारतीय दूतावास से संपर्क कर उन्हें भारत वापस लाने में मदद की।
भारत लौटने पर खुशी
भारत लौटने के बाद हमीदा बानो ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि वह अब खुद को आज़ाद महसूस कर रही हैं। उन्होंने भारत और अपने परिवार को इस नई शुरुआत के लिए धन्यवाद दिया।