कोटाः सरकारी स्कूल के टॉयलेट की दीवार गिरने से पहली क्लास की बच्ची की मौत होने का मामला सामने आया है। घरवालों ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। सीबीईओ गायत्री मीणा ने कहा कि जिम्मेदारों से जवाब मांगा गया है। घटना को लेकर पुलिस ने आगामी जांच शुरू कर दी है।
जानकारी देते हुए सोनू वैष्णव ने बताया कि उनके 3 बच्चे हैं। तीनों ही घर से 150 मीटर दूर सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। 7 साल की रोहिणी सबसे छोटी थी जो आज सुबह 10 बजे स्कूल गई थी। दोपहर में उसके पास दोस्त का कॉल आया कि रोहिणी पर टॉयलेट की दीवार गिर गई है। वह मौके पर गया तो बच्ची लहूलुहान पड़ी थी। बच्ची को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से कोटा रेफर कर दिया।
कोटा में प्राइवेट अस्पताल में इलाज के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि घरवाले बिना पोस्टमॉर्टम के शव ले गए। सोनू वैष्णव ने बताया कि सबसे बड़ी बात यह है कि जब दो टॉयलेट नए बने हुए थे तो जर्जर टॉयलेट को बंद क्यों नहीं किया गया और हादसा होने के बाद भी स्कूल प्रशासन बच्ची को अस्पताल लेकर क्यों नहीं गया? अगर स्कूल प्रशासन बच्ची को समय पर अस्पताल ले जाते तो शायद मेरी बच्ची की जान बच जाती।
स्कूल प्रिंसिपल अशोक पोरवाल ने बताया कि आज लास्ट वर्किंग डे था। लंच के बाद खाना खिलाकर 5वीं तक के बच्चों की छुट्टी कर दी थी। छुट्टी होने के बाद भी कुछ बच्चे स्कूल परिसर में खेलने लग गए। खेलते-खेलते बच्ची टॉयलेट गई होगी। टॉयलेट पुराना था। क्या पता हादसा कैसे हुआ, दीवार बच्ची पर गिर गई। बच्ची को उठाकर लाए और पिता को सूचना दी। पिता ने स्कूल में आकर बच्ची की हालत देखी, फिर गाड़ी लेने घर चले गए और बाद में वापस आकर बच्ची को हॉस्पिटल ले गए। सीबीईओ गायत्री मीणा ने बताया कि हादसे के बाद स्कूल प्रशासन से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट आने के बाद ही वास्तविक स्थिति का पता लगेगा।