चंडीगढ़ः यूटी में हरियाणा विधानसभा की नई इमारत को लेकर एक बार फिर से मामला गरमा गया है। दरअसल, बीते दिन भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ ने हरियाणा विधानसभा की नई इमारत बनाने को लेकर भाजपा हाईकमान को इस मुद्दे पर दोबारा से विचार करने की अपील की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि मैं चंडीगढ़ में हरियाणा की अपनी विधानसभा के निर्माण के लिए चंडीगढ़ हरियाणा को जमीन देने के फैसले का विरोध करता हूं। जाखड़ ने कहा कि चंडीगढ़ पंजाब का है और कोई भी पंजाबी इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। जाखड़ ने कहाकि इसके लिए मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने और इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की।
वहीं इस मुद्दे को लेकर आज वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा और शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने प्रदेश के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया से चंडीगढ़ स्थित पंजाब राज भवन में मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान चीमा ने गवर्नर से चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा की नई इमारत के लिए 10 एकड़ जमीन दिए जाने के मंजूरी प्रस्ताव पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि पंजाब के 22 गांव को उजाड़ कर चंडीगढ़ शहर बसाया गया था और 1966 में जब पंजाब और हरियाणा का बंटवारा हुआ तो अस्थाई व्यवस्था के तौर पर हरियाणा को चंडीगढ़ में अपने प्रशासनिक और शासनिक कार्य के संचालन के लिए स्थाई तौर पर जगह उपलब्ध कराई गई थी जबकि केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ पर पूरी तरह से पंजाब का अधिकार है।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने गवर्नर से मुलाकात के बाद राज भवन के बाहर मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि यह कांग्रेस, भाजपा और शिरोमणि अकाली दल की सबसे बड़ी लापरवाही है जिसका खामियाजा आज पूरे पंजाब को उठाना पड़ रहा है। चीमा ने कहा कि लंबे समय तक पंजाब में कांग्रेस की और गठबंधन के तहत भाजपा और शिरोमणि अकाली दल की प्रदेश में सरकार रही। इसके बावजूद चंडीगढ़ पर पंजाब का पूरी तरह से अधिकार होने को लेकर कभी भी कांग्रेस और गठबंधन की भाजपा और शिरोमणि काली दाल की सरकार ने इस मुद्दे पर केंद्र के समक्ष गंभीरता से नहीं उठाया।
आज केंद्र सरकार साजिश के तहत चंडीगढ़ में हरियाणा के अधिकार क्षेत्र को बढ़ावा दे रहा है ताकि पंजाब के अधिकारों का हनन हो सके। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि उन्होंने गवर्नर गुलाबचंद कटारिया को इस संदर्भ में ज्ञापन साैंपा है और चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा की नई इमारत बनाने के प्रस्ताव पर पंजाब के पक्ष को मजबूती से रखे जाने के लिए आग्रह किया है। चीमा ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वह इसके लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे। उन्होंने सरकार के लीगल एक्सपर्ट को चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के लिए नई इमारत की मंजूरी देने के संदर्भ में पंजाब और हरियाणा के बंटवारे के समय बनी व्यवस्था को लेकर कानूनी रूप से तैयारी करने के लिए भी कह दिया है।