नई दिल्ली। दिल्ली में नई आबकारी नीति लागू हो चुकी है। इस नई नीति को लेकर अब अलग-अलग तरह के लिए जा रहे लाईसेंस के लिए आवेदन करने को नियम एवं शर्तें भी जारी की जा रही है। ताजा मामला दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत बैंक्विट हॉल, फार्म हाउसों, मोटलों और ऐसे अन्य स्थानों के लाइसेंस प्राप्त परिसरों में शादी समारोहों, पार्टियों और अन्य कार्यक्रमों में शराब परोसने के लाईसेंस को लेकर सामने आया है।
सरकार ने नई नीति के तहत इसके लिए अस्थायी पी-10 लाइसेंस की जरूरत नहीं लेने की बात कही है। पी-10 लाइसेंस की जगह एक साल के लिए एल-38 लाइसेंस लेना होगा जिसे 5 से 15 लाख रुपए के शुल्क के भुगतान पर दिया जाएगा और यह राशि लाइसेंस प्राप्त परिसर के आकार पर निर्भर करेगी।
दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग ने 2021-22 के लिए नई आबकारी नीति के तहत एल-38 लाइसेंस के आवेदनों के लिए नियम और शर्तें जारी की हैं। आबकारी आयुक्त की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा है कि एक वर्ष के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के बाद इन स्थानों पर किसी आयोजन के लिए अलग से पी-10 लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। हालांकि एल-38 लाइसेंस धारक एक पत्र जारी करेंगे जिसमें आयोजन की तारीख, अतिथियों की संख्या और अन्य जानकारी देनी होगी।
बताते चलें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने नई आबकारी नीति को लेकर मंगलवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार से कहा कि वह दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के तहत शराब के उन ब्रांड की संख्या के बारे में जानकारी दे जिनका अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) तय किया गया है और जिनका अभी तय किए जाने हैं। अदालत ने सरकार से यह भी बताने के लिए कहा कि क्या किसी शराब ब्रांड का पंजीकरण पहले ही किया जा चुका है?
हाईकोर्ट उन 16 याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई की जोकि खुदरा शराब दुकानों के संचालन के चलते लाइसेंस के लिए सफल बोलीदाता हैं। याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली सरकार के एक नवंबर, 2021 से लाइसेंस शुल्क वसूलने के फैसले को अवैध घोषित करने का अनुरोध किया।
इस बीच देखा जाए तो दिल्ली में 80 फीसदी दुकानों पर शराब की कमी हो गई है। ऐसे में शराब के शौकीन लोग जब दुकान पर पहुंच रहे हैं तो कहीं बोर्ड लगा दिख जा रहा है कि शराब नहीं है, केवल बीयर मिलेगी, तो कहीं दुकान में सभी ब्रांड उपलब्ध नहीं हैं। ब्रांड न होने से दुकान के काउंटर पर खडे़ कर्मचारी और शराब के शौकीनों के बीच बहस तक हो जा रही हैं। दुकानों के प्रबंधकों का कहना कि उन्होंने शराब मंगाने के लिए कंपनियों से संपर्क किया हुआ है, मगर कंपनियों ने माल देना बंद कर दिया है क्योंकि जो माल आया है, इसे 16 नवंबर तक ही बेचा जाना है।