लुधियानाः पंजाब में 5 जिलों में हुए नगर निगम चुनावों के नतीजे आने के बाद जोड़-तोड़ का सिलसिला शुरू हो गया। दरअसल, जालंधर और लुधियाना में ज्यादा सीटें हासिल करके आप पार्टी बड़ी पार्टी बनकर तो उभर गई, लेकिन दोनों जिलों में जोड़ तोड़ का सिलसिला आप पार्टी द्वारा शुरू हो गया। जालंधर में देर रात एक दिन पहले ही पार्षद बने कांग्रेस और आजाद नेता आप पार्टी में शामिल हो गए। लेकिन उसके बावजूद अब भी बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए आप पार्टी को 3 सीटों की जरूरत है। कहा जा रहा हैकि ये 3 सीटे कांग्रेस और भाजपा नेताओं को शामिल करके आप पार्टी पूरी कर सकती है और मंगलवार को मेयर पद को लेकर दावेदारी आप पार्टी द्वारा की जा सकती है।
वहीं दूसरी ओर लुधियाना की बात करें तो वहां भी 95 सीटों में से आप पार्टी को 41 सीटें, कांग्रेस को 30 सीटें और भाजपा को 19 सीटें मिली हैं। ऐसे में लुधियाना में भी बहुमत कोई भी पार्टी हासिल नहीं कर सकी। लेकिन तीनों ही पार्टियां अपना-अपना मेयर बनाने के लिए जोड़तोड़ में लगी हैं। बता दें कि साल 1992 में हुए नगर निगम चुनाव में भाजपा के पास सबसे ज्यादा पार्षद थे। लेकिन बहुमत हासिल ना होने पर भाजपा व कांग्रेस ने समझौता कर भाजपा ने अपना मेयर बना लिया था, जबकि सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर का पद कांग्रेस के पास था।
ऐसे में अगर कांग्रेस-भाजपा गठबंधन कर लेते हैं तो 49 सीटें लेकर कांग्रेस मेयर पद हासिल कर सकती है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का दावा है कि मेयर हमारी पार्टी का ही बनेगा। पार्टी के जिलाध्यक्ष रजनीश धीमान के मुताबिक, हम कांग्रेस से समझौते को तैयार हैं, लेकिन शर्त है कि मेयर हम अपना बनाएंगे। फिलहाल हाईकमान के आदेश का इंतजार है।
आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि चुनाव में AAP के 41 उम्मीदवार पार्षद बने हैं, तो मेयर भी हमारा ही होगा। वहीं राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक चुनाव में 3 आजाद पार्षद जीते हैं और इन पार्षदों के संपर्क में आम आदमी पार्टी नेता हैं, एक-दो दिनों में तीनों आजाद पार्षद अपना समर्थन सत्ताधारी पार्टी को दे सकते है। मेयर की कुर्सी पर काबिज होने के लिए जहां आजाद पार्षदों का समर्थन आम आदमी पार्टी हासिल कर रही है तो वहीं आम आदमी पार्टी दूसरी पार्टी के जीते पार्षदों को डिप्टी मेयर पद का आफर दे रही है ताकि बहुमत हासिल हो सके।