चंडीगढ़ः पंजाब के डीजीपी गौरव यादव को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, आईपीएस गौरव यादव का स्थायी तौर पर डीजीपी बनने का रास्ता साफ हो गया है। गौरव यादव से सभी वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। राज्य में आप सरकार बनने के बाद गौरव यादव कार्यकारी डीजीपी के तौर पर काम कर रहे हैं। 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी और पूर्व डीजीपी वीके भावरा के छुट्टी पर जाने के बाद गौरव यादव को 4 जुलाई 2022 को डीजीपी का अतिरिक्त पदभार सौंपा गया था। इसके बाद स्थायी डीजीपी लगाने के लिए राज्य सरकार की ओर से कभी भी पैनल नहीं भेजा गया। करीब ढ़ाई साल बाद अब राज्य सरकार की ओर से स्थायी डीजीपी लगाने के लिए केंद्र को पैनल भेजा जा रहा है।
राज्य सरकार की ओर से केंद्र को जो पैनल भेजा जा रहा है उसमें डीजीपी यादव सबसे वरिष्ठ हैं। इनसे पहले जो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी थे या तो वह सेवानिवृत हो गए हैं या फिर केंद्रीय डेपुटेशन पर हैं। 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी दिनकर गुप्ता एनआईए प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। 1987 बैच के आईपीएस वीके भावरा पंजाब पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन के एमडी के पद से पिछले साल मई में सेवानिवृत्त हुए थे। इसी तरह 1988 के बैच के आईपीएस अधिकारी प्रबोध कुमार बीते सप्ताह ही सेवानिवृत्त हुए हैं। 1989 बैच के आइपीएस अधिकारी पराग जैन भी केंद्रीय डेपुटेशन पर है। इसी बैच के आइपीएस अधिकारी संजीव कालडा भी इस माह 28 फरवरी को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
गौरव यादव 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इनके बैच के आईपीएस हरप्रीत सिंह सिद्धू इस समय केंद्रीय डेपुटेशन पर है। इसी बैच के आईपीएस शरद सत्या चौहान भी इस समय पंजाब पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन, आईपीएस कुलदीप सिंह इस समय स्पेशल डीजीपी एसटीएफ हैं। गौरव यादव करीब तीन साल से डीजीपी के तौर पर काम कर रहे है, इसलिए उनका स्थायी डीजीपी लगना लगभग तय है। हालांकि उनको डीजीपी लगाने के विरोध में पूर्व आईपीएस अधिकारी वीके भावरा ने कैट का रुख किया था, लेकिन उन्हें वहां से कोई राहत नहीं मिली थी। राज्य में इस समय करीब 16 डीजीपी हैं।