अमृतसरः मेयर चुनाव के बाद से कांग्रेस पार्टी द्वारा लगातार आम आदमी पार्टी को तंज कसे जा रहे हैं। हाल ही में फिर अमृतसर नगर निगम कार्यालय में 41 कांग्रेस पार्षदों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई जिसमें उन्होंने अहम बैठक में पंजाब के कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान पर भी सवालिया निशान खड़े किए। अमृतसर से कांग्रेस के मेयर पद के उम्मीदवार विकास सोनी ने धालीवाल को चुनौती देते हुए कहा कि वे अपना बहुमत साबित करें, वे कभी उसका विरोध नहीं करेंगे।
मेयर चुनाव के बाद अमृतसर के मेयर को कुर्सी पर बैठने के लिए कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। एक बार फिर कांग्रेस पार्टी ने अमृतसर नगर निगम कार्यालय पहुंचकर 41 कांग्रेसी पार्षदों के साथ गरमागरम बैठक की जिसमें उन्होंने पंजाब के कैबिनेट मंत्री के खिलाफ कई सवालिया निशान खड़े किए। उन्होंने कहा कि पिछले दिन जिस तरह से आम आदमी पार्टी ने अमृतसर नगर निगम के दफ्तर में तोड़फोड़ की, उसे कोई कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में जो मेयर चुनाव हुए उसके लिए सभी ने चुनाव को लाइव दिखाया, लेकिन पंजाब और खासकर अमृतसर में इसकी सारी खामियां नजर आईं।
उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने अमृतसर के मेयर को किसी भी तरह से बधाई नहीं दी है क्योंकि उन्हें पता है कि यह मेयर कुछ दिनों के लिए कुर्सी से बाहर रहने वाला है। उन्होंने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी को अपना बहुमत दिखाना चाहिए क्योंकि कांग्रेस के करीब 41 पार्षद अभी भी उनके साथ हैं और अकाली दल के करीब चार पार्षद धरने पर बैठे हैं और करीब 7 पार्षद भारतीय जनता पार्टी के हैं और यह बहुमत किसी भी तरह से आम आदमी पार्टी का नहीं लगता है।
उन्होंने कहा कि जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि उनकी याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है, वो झूठी हैं। यह अफवाहें जानबूझ कर फैलाई जा रही है। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही अमृतसर मेयर की कुर्सी पर कोई कांग्रेसी बैठेगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई आम आदमी पार्टी का नेता या उनका कोई साथी किसी कांग्रेस नेता को डराने की कोशिश करेगा तो हम चट्टान की तरह उस पार्षद के साथ खड़े रहेंगे।
उल्लेखनीय है कि अमृतसर में मेयर चुनाव के बाद मेयर के चेहरे को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं कांग्रेस पार्टी लगातार अमृतसर में विरोध प्रदर्शन कर रही है और आम आदमी पार्टी पर कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस के दफ्तर में हुई बैठक में इस बात पर चर्चा हुई है कि कांग्रेस पार्षदों ने नगर निगम में क्या किया है। अब देखना यह है कि क्या कांग्रेस अपने दावे के मुताबिक एक हफ्ते में बैठक करेगी। अमृतसर में मेयर कौन होगा, इसका फैसला तो बाद में जनता करेगी, लेकिन मेयर की कुर्सी को लेकर अमृतसर में विवाद अभी भी जारी है।