फगवाड़ाः पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने फगवाड़ा नगर निगम मेयर चुनाव में बाधा डालने पर राज्य प्राधिकरणों की लापरवाही को निंदनीय करार दिया है। हाईकोर्ट ने चुनाव कराने के लिए पूर्व हाईकोर्ट जज जस्टिस हरबंस लाल को स्वतंत्र पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। वहीं इस मामले को लेकर प्रेस वार्ता के जरिए कांग्रेस विधायक बलविंदर सिंह धालीवाल ने कहा कि चुनाव के नतीजे जारी होने के एक माह से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अभी तक मेयर का ऐलान नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि नगर निगम चुनाव को लेकर 24 जनवरी को हाईकोर्ट ने फगवाड़ा नगर निगम के पार्षदों की पहली बैठक बुलाकर मेयर चुनाव कराने का निर्देश दिया था। हैरानी की बात यह है कि अभ फिर से मेयर पद के ऐलान को लेकर हाईकोर्ट द्वारा निर्देश जारी किए गए।
कांग्रेस विधायक ने कहा कि उन्होंने 1992 से कई चुनाव करवाए है, लेकिन इस बार जो सरकार द्वारा चुनाव करवाए गए उसमें कानून व्यवस्था बिगड़ती दिखी, जिसके बाद अब 25 जनवरी को मेयर के चुनाव के दौरान मौके पर पहुंचे तो मेयर का चुनाव टाल दिया गया। जिसके बाद नगर निगम चुनाव की तरह मेयर चुनाव को लेकर हाईकोर्ट का रूख किया गया। विधायक ने कहा कि 4 जिलो में मेयर का ऐलान हो चुका है। आरोप लगाए है कि अमृतसर और लुधियाना में बहुमत हासिल ना होने पर धक्केशाही करते हुए मेयर का ऐलान किया गया। इस दौरान फगवाड़ा में मेयर के ऐलान को टालने पर विधायक ने प्रेजटेनी ऑफिसर विक्की सूद मौके से चले गए। इस दौरान उन्होंने आप पार्टी के सासंद राज कुमार चब्बेवाल को लेकर कहा कि वह पिछले 2 माह से फगवाड़ा में डेरा लगाकर बैठे है।
उन्होंने चब्बेवाल पर धक्केशाही करने के आरोप लगाए गए, वह धक्केशाही करते हुए पार्टी के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर रहे है। विधायक का कहना है कि उन्होंने कभी पुलिस को मेयर चुनाव के दौरान अंदर जाने की इजाजत नहीं होती, लेकिन इसमें पुलिस की धक्केशाही देखने को मिली। विधायक ने कहा कि अगर कानून व्यवस्था खराब हो रही थी तो मौके पर कमिशनर सहित एडीसी मौजूद थे, वह मौके से क्यों चले गए। विधायक का कहना है कि वह खराब कानून व्यवस्था में सुधार करवाते और चुनाव को संपन्न करवाते, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। जिसके बाद अब हाईकोर्ट का उन्हें रूख करना पड़ा। जिसके बाद एक फरवरी को हाईकोर्ट द्वारा मेयर के ऐलान के लिए कहा गया है।
हालांकि इस मामले में सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि चुनाव हंगामे के कारण नहीं हो सका। इस पर हाईकोर्ट नाराजगी जताते हुए कहा कि जब कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए थे, तो यह बहाना नहीं बनाया जा सकता। राज्य सरकार के पास पर्याप्त संसाधन थे, लेकिन उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश की, जो निंदनीय और अवमानना योग्य है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है, जहां स्पष्ट एवं स्पष्ट निर्देशों के बावजूद राज्य-अधिकारियों ने निर्देशों का पालन करने के बजाय मुकदमेबाजी के दूसरे दौर को जन्म दिया।
राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई कि 28 जनवरी को एक नई अधिसूचना जारी कर 1 फरवरी, 2025 को दोपहर 4 बजे बैठक बुलाने का निर्णय लिया गया है। इसमें शपथ ग्रहण और मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होगा। कोर्ट ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव से जुड़े आदेश का संज्ञान लेते हुए फगवाड़ा नगर निगम चुनाव की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए जस्टिस हरबंस लाल को स्वतंत्र पर्यवेक्षक नियुक्त किया।