अमृतसरः जिले के गेट खजाना मंदिर भदर काली सादिक के पास एक गली में बगीचे को लेकर एक सीआरपीएफ जवान के परिवार के सदस्यों और एक एएसआई पुलिस अधिकारी के बीच लड़ाई देखी गई थी, जिसका सीसीटीवी वीडियो भी सामने आया था। जिसमें एएसआई पुलिसकर्मी के परिवार द्वारा आरोप लगाया गया था कि सीआरपीएफ जवान द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा है। जिसको लेकर उन्होंने न्याय की मांग की है, वहीं दूसरे मामले में आज सीआरपीएफ जवानों और उनके परिवार के सदस्यों और दलित समुदाय के नेता नितिन गिल उर्फ मनी गिल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
जिसमें सीआरपीएफ जवान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनका विवाद काफी समय से चल रहा है। वहीं एएसआई कर्मचारी ने अपनी वर्दी का गलत इस्तेमाल करते हुए उन पर हाथ उठाया और मारपीट की। सीआरपीएफ जवान ने कहा कि उन्होंने इस मामले को अपने वरिष्ठ अधिकारियों के ध्यान में लाया और यह मामला अब गृह मंत्रालय तक पहुंच गया है और गृह मंत्रालय ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को मामले की जांच करने का आदेश दिया है। लेकिन जो निचले स्तर के पुलिस अधिकारी हैं वे अपने एएसआई पुलिसकर्मी का समर्थन कर रहे हैं और मेरे खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं।
पीड़ित का आरोप है कि मैं मीडिया के माध्यम से वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से न्याय की मांग कर रहा हूं। दूसरी ओर, इस मामले पर बात करते हुए दलित समुदाय के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता नितिन गिल उर्फ मनी गिल ने कहा कि पिछले दिनों गेट खजाना के पास इलाके में एएसआई अधिकारी और सीआरपीएफ जवान के परिवार के सदस्यों के बीच विवाद हुआ था। उस टकराव को जानबूझ कर एक वर्दी का रूप दिया जा रहा है, जबकि ऐसा कोई मामला नहीं है और एएसआई कर्मचारी द्वारा वर्दी की आड़ में और पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से सीआरपीएफ जवान के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, जोकि गलत है।
उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ जवान दलित समुदाय का सदस्य है और हम पंजाब के मुख्यमंत्री और पंजाब के डीजीपी से मांग करते हैं कि उक्त पुलिस अधिकारी के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए सीआरपीएफ जवान को न्याय नहीं मिलता तो वह आने वाले समय में पूरे दलित समुदाय के साथ अमृतसर के पुलिस कमिश्नरेट के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे। इसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी।