चंडीगढ़ः पंजाबी गायक दिलजीत दोसांझ को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, दिलजीत दोसांझ का चंडीगढ़ टूड इन दिनों काफी चर्चा में है। वहीं प्रशासन ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट को जानकारी दी है कि पंजाबी गायक दिलजीत दोसांझ के 14 दिसंबर को सेक्टर-34 एग्जिबिशन ग्राउंड में आयोजित म्यूजिक कॉन्सर्ट के दौरान शोर का स्तर तय सीमा से अधिक पाया गया। इस उल्लंघन के लिए प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की सिफारिश की है। एसडीएम (साउथ) खुशप्रीत कौर ने हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए बताया कि कार्यक्रम के दौरान विभिन्न स्थानों पर शोर स्तर की निगरानी की गई।
रिपोर्ट में कहा गया शोर प्रदूषण (नियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के तहत निर्धारित सीमा से अधिक ध्वनि स्तर दर्ज किया गया। इसके आधार पर पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 और शोर प्रदूषण नियम 2000 के तहत कार्रवाई प्रस्तावित की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, एसडीएम ने इस मामले में एक ज्ञापन और रिपोर्ट चंडीगढ़ प्रशासन के पर्यावरण सचिव को भेजी है। इसमें धारा 15 के तहत उल्लंघनकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई की सिफारिश की गई है। हाईकोर्ट को बताया गया कि कार्यक्रम के दौरान प्रशासन ने शोर स्तर की जांच के लिए तीन टीमें गठित की थीं। यह भी बताया गया कि 21 दिसंबर को होने वाला ए पी ढिल्लो का शो रैली ग्राउंड में शिफ्ट कर दिया गया है। कोर्ट को बताया गया कि तीन अलग अलग लोकेशन पर साउंड पॉल्यूशन की जांच की गई थी और तीनों ही लोकेशन पर तय स्टैंडर्ड से ज्यादा साउंड रिकॉर्ड की गई थी।
तीनों ही लोकेशन पर 76 से लेकर 93 डेसिबल दर्ज किया गया था। इससे पहले, 13 दिसंबर को हाई कोर्ट ने दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट को मंजूरी दी थी। शर्त यह थी कि आयोजन स्थल पर शोर स्तर 75 डेसिबल से अधिक नहीं होगा। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि यदि शोर स्तर निर्धारित सीमा से अधिक हुआ, तो आयोजकों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला सेक्टर-23 के निवासी रंजीत सिंह द्वारा दायर याचिका के तहत उठाया गया था। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि इस तरह के आयोजनों में उचित योजना और प्रबंधन की कमी नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन करती है। उन्होंने शोर प्रदूषण और अन्य पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन पर चिंता जताई। इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी में होगी।