रायपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार 31 मार्च 2026 से पहले राज्य से नक्सलवाद के खतरे को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। शाह ने रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में राष्ट्रपति पुलिस कलर अवार्ड समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जब छत्तीसगढ़ नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा, तो पूरा देश इस खतरे से मुक्त हो जाएगा। छत्तीसगढ़ पुलिस ने पिछले एक साल में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। शाह ने नक्सलियों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति की भी सराहना की और उनसे हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की।
उन्होंने कहा, राज्य नेतृत्व, मुख्यमंत्री, राज्य के गृह मंत्री ने संकल्प लिया है और भारत सरकार भी आपके संकल्प के प्रति प्रतिबद्ध है। हम सब मिलकर 31 मार्च 2026 से पहले छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म कर देंगे। हम सब 31 मार्च 2026 से पहले छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद के चंगुल से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा, तो पूरा देश इस समस्या से मुक्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद को खत्म करना राज्य पुलिस का संकल्प है। शाह ने कहा कि राष्ट्रपति कलर अवार्ड सिर्फ एक पुरस्कार नहीं है, यह सेवा, समर्पण और बलिदान का प्रतीक है और यह पुलिस को जिन अनगिनत चुनौतियों से निपटना है, उनकी याद दिलाता है।
गृह मंत्री ने विश्वास जताया कि छत्तीसगढ़ पुलिस अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगी और अपने कर्तव्य से कभी पीछे नहीं हटेगी। शाह ने कहा, “मुझे विश्वास है कि कल से छत्तीसगढ़ पुलिस के जवान अपनी वर्दी पर यह प्रतीक चिन्ह लगाकर निकलेंगे तब उनका मनोबल कई गुना बढ़ जाएगा।
उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ पुलिस ने पिछले एक साल में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है…राज्य में पिछले एक साल में 287 नक्सलियों को मार गिराया गया, करीब एक हजार को गिरफ्तार किया गया और 837 ने आत्मसमर्पण किया, जो नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में आई तेजी को दर्शाता है। राज्य में पिछले एक साल में (नक्सलियों के) 14 शीर्ष कैडर को मार गिराया गया।
शाह ने कहा कि चार दशकों में पहली बार नक्सली हिंसा में नागरिकों और सुरक्षा बलों की मौत की संख्या 100 से कम हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 10 वर्षों में पूरे देश में नक्सलवाद पर अंकुश लगा है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों की (उससे पहले के 10 सालों का) तुलनात्मक विश्लेषण दिखाता है कि माओवादी हिंसा में सुरक्षाकर्मियों की मौत में 73 प्रतिशत और नागरिकों की मौत में 70 प्रतिशत की गिरावट आई है।
शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस देश के विभिन्न सुरक्षा बलों के साथ मिलकर ‘नक्सलवाद के ताबूत में आखिरी कील’ ठोकने की तैयारी कर चुकी है। केंद्रीय मंत्री ने नक्सलियों से हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील भी की।उन्होंने कहा, मैं नक्सलियों से अपील करना चाहूंगा कि राज्य सरकार ने बहुत अच्छी आत्मसमर्पण नीति बनाई है, इसलिए उन्हें हिंसा छोड़ देनी चाहिए। उन्हें मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए, विकास के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए और छत्तीसगढ़ के विकास में भी योगदान देना चाहिए।
शाह ने कहा कि राज्य सरकार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को अच्छा पैकेज दे रही है और उन्हें इसका लाभ उठाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस संगठित अपराध और मादक पदार्थों के खिलाफ भी मजबूत अभियान चला रही है। उन्होंने कहा, इस साल एक जनवरी से 30 सितंबर तक मादक पदार्थों के 1,100 मामले दर्ज किए गए, 21,000 किलोग्राम गांजा और करीब 1.95 लाख नशीली गोलियां जब्त की गईं और इस सिलसिले में 1,400 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
शाह ने कहा कि 1951 में नौसेना को पहला राष्ट्रपति पुलिस ध्वज प्रदान किया गया था और इस पुरस्कार के वास्ते पात्र होने के लिए न्यूनतम 25 वर्ष की सेवा आवश्यक है। एक नवंबर 2000 को गठित छत्तीसगढ़ को अपने 25 वर्ष पूरे होने से पहले ही यह पुरस्कार मिल गया है।
उन्होंने कहा, मैं छत्तीसगढ़ पुलिस के समर्पण, बलिदान और साहस को सम्मानित करने के लिए राष्ट्रपति को धन्यवाद देना चाहता हूं। शाह ने कहा कि पिछले पांच सालों से वे नक्सलवाद के मुद्दे पर छत्तीसगढ़ पुलिस के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा, “आपका जज्बा, आपका साहस, आपकी वीरता और आपकी लगन…मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि छत्तीसगढ़ पुलिस बल देश के सभी पुलिस बलों में सबसे बहादुर है।