रुद्रप्रयाग। चारधाम के पहले प्रमुख तीर्थ यमुनोत्री धाम के कपाट विशेष पूजा अर्चना के बाद पूर्व निर्धारित समयानुसार 12 बजकर पांच मिनट पर पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। अब छह महीने शीतकाल में मां यमुना के दर्शन व पूजा अर्चना शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गांव में किए जाएंगे।
इससे पूर्व, वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य विधि विधान से पूजाएं की गईं। परंपरानुसार, श्री गंगोत्री मां मंदिर के कपाट आज अन्नकूट पर, मध्याह्न 12 बजकर, 14 मिनट पर शीतकाल हेतु बंद हो गये। इस अवसर पर मंदिर को भब्य रूप से सजाया गया था। कपाट बंद होते समय हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।
कपाट बंद होने पर गंगोत्री धाम से गंगा जी की उत्सव मूर्ति को डोली में बिठाकर, विभिन्न पड़ावों से होकर शीतकालीन प्रवास मुखवा गांव को रवाना किया गया। जहां श्री गंगा जी की उत्सव मूर्ति, श्री गंगा मंदिर में शीतकाल में विराजमान रहेंगी। अब श्रद्धालु शीतकाल में मुखवा के श्री गंगा मंदिर में दर्शन-पूजन कर सकेंगे।
मां यमुनोत्री के मंदिर के कपाट, रविवार को भैया दूज के अवसर पर अपराह्न 12:05 बजे बंद किए जाएंगे। तत्पश्चात, शीतकाल में यमुना जी की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव स्थित यमुना मंदिर में विराजमान रहेंगी। जहां पर शीतकाल के दौरान श्रद्धालुजन यमुना जी के दर्शन व पूजा- अर्चना कर सकेंगे।