आरोपियों से 5.25 करोड़ रुपए किए बरामद
लुधियानाः वर्धमान ग्रुप के मालिक को फर्जी सीबीआई अधिकारियों ने फर्जी वारंट ऑर्डर दिखाकर प्रॉपर्टी सील करने और अपने जाल में फंसाकर 7 करोड़ रुपये की लगाई ठगी करने के मामले में पुलिस ने दो ठगों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि 5 करोड़ 25 लाख 600 रुपए बरामदर किए है। दरअसल, 5 राज्यों के रहने वाले 9 साइबर ठगों ने लुधियाना वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन एसपी ओसवाल से 7 करोड़ रुपये की ठगी की है।
आरोपियों ने पहले सुप्रीम कोर्ट का फर्जी आदेश और फिर वारंट दिखाकर ठगों ने ओसवाल को ग्रुप की संपत्ति जब्त करने और बदनामी का डर दिखाकर धोखा दिया। धोखाधड़ी सामने आने के बाद ओसवाल ने लुधियाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और 2 आरोपियों को असम से गिरफ्तार कर लिया और 5,25,00,600 रुपये की रकम बरामद कर ली है। साइबर जालसाजों ने 5 अलग-अलग बैंकों में 7 करोड़ रुपये की रकम ट्रांसफर की थी। जिसमें 5.25 करोड़ रुपये की बरामदगी की गई। भारत में अब तक की सबसे बड़ी नकदी बरामदगी मानी जा रही है।
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के SHO जतिंदर सिंह ने बताया कि वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन एसपी ओसवाल की ओर से शिकायत मिली थी। पुलिस ने जब पूरे मामले की जांच शुरू की और आरोपी की लोकेशन पता चली तो पुलिस गुवाहाटी पहुंची। 3 दिन की छापेमारी के बाद खुद को सीबीआई अधिकारी बताने वाले 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने बताया कि इस गिरोह ने खुद को सीबीआई एजेंट बताकर बड़ी धोखाधड़ी की है। पुलिस ने कहा कि गिरोह का मास्टरमाइंड भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। पुलिस लगातार पश्चिम बंगाल और असम में छापेमारी कर रही है।
पुलिस को दी शिकायत में एसपी ओसवाल ने बताया कि हाल ही में उनके मोबाइल पर एक कॉल आई। आरोपी ने कहा, यह दिल्ली का है। उनके नाम पर सुप्रीम कोर्ट का गिरफ्तारी वारंट है। उनकी संपत्ति सील करने के आदेश हैं। ठग ने सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ भारत, सीबीआई, कस्टम विभाग का भी हवाला दिया। फिर एक दिन शातिर ठगों ने उन्हें वीडियो कॉल की, जिसमें एक आरोपी वीडियो कॉल पर था। आरोपी अंग्रेजी में बात कर रहा था। उसके बोलने का ढंग ऐसा था कि लगता था कि वह पढ़ा-लिखा है।
वर्धमान बार-बार समूह और उनका नाम ले रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के फर्जी आदेश-वारंट के मद्देनजर आरोपी ने एसपी ओसवाल को फोन कर कहा कि जिस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है। जिसमें उनका भी नाम शामिल है। ठग ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी संपत्तियों को सील करने के आदेश के साथ उनकी गिरफ्तारी का वारंट भी भेजा है। इसके बाद व्यापारी को बदमाशों पर विश्वास हो गया और धीरे-धीरे बदमाशों ने व्यापारी को अपने जाल में फंसा लिया और पूरे मामले से निकलने के लिए उक्त बदमाश ने 7 करोड़ रुपये की मांग की, जिसे विभिन्न बैंकों में ट्रांसफर कर दिया गया।
उद्योगपति ने बताया कि ठगों को सरकारी एजेंसियों की पूरी जानकारी थी। वह कानून को भी अच्छी तरह जानते थे। घोषित करना अगर आप इससे बचना चाहते हैं तो एक बार देख लें। यह आपकी पसंद है। गिरफ्तारी वारंट पहले ही जारी हो चुके हैं। वह मामले की जांच कर रहे हैं। सहयोग करोगे तो बदनामी नहीं होगी। शरारती ठग बार-बार दिल्ली पुलिस का नाम भी ले रहे थे।
साइबर पुलिस स्टेशन के प्रभारी जतिंदर सिंह ने कहा कि दो आरोपियों को गिरफ्तार किया जा रहा है और 7 आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा और पांच करोड़ 25 लाख 600 रुपये जो खातों में जमे हुए हैं। इन सभी मामलों में पुलिस ने उद्योगपतियों से अपील की है कि जिस किसी के पास भी इस तरह की फर्जी कॉल आए तो वह उनके जाल में फंसने की बजाय तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दे और लुधियाना में इस तरह के ठगी करने वाले गिरोह में न फंसे कुछ ही दिनों में सामने आ जायेगा।