धर्म : पंचांग के मुताबिक मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा के दिन अन्नपूर्णा जयंती का पर्व मनाया जाता है और ये पर्व आज मनाया जा रहा है। अन्नपूर्णा देवी को अन्न और भोजन की देवी माना जाता है और उनकी पूजा करने से घर में समृद्धि और सुख-शांति बनी रहती है। इसके अलावा यदि आप आज के दिन अनाज का दान करते हैं तो ज्यादा जल्दी फायदे देखने को मिलते हैं। तो चलिए जानते हैं कौन हैं वो अनाज।
चावल को भारतीय संस्कृति में अन्न के राजा के रूप में पूजा जाता है। यह अन्नपूर्णा देवी के पूजन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। चावल का दान विशेष रूप से शुभ माना जाता है। चावल का दान करने से भोजन की कभी कमी नहीं होती और घर में बरकत आती है।
गेंहू भारतीय अनाजों में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह अनाज विशेष रूप से आय और संपत्ति के संचार के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। अन्नपूर्णा जयंती के दिन गेंहू का दान करने से घर में खुशहाली और समृद्धि आती है। गेंहू का दान विशेष रूप से किसानों के लिए बहुत लाभकारी होता है।
मक्का या मकई का दान भी अन्नपूर्णा जयंती के दिन विशेष रूप से किया जाता है। मक्का को भगवान श्री कृष्ण से जोड़कर भी पूजा जाता है क्योंकि मक्का का सेवन विशेष रूप से उनकी पसंदीदा खाद्य सामग्री मानी जाती है। मक्का का दान करने से जीवन में कभी भी भोजन की कमी नहीं होती और व्यक्ति के जीवन में उन्नति और समृद्धि आती है।
अन्नपूर्णा जयंती के दिन के उड़द दाल का दान करना बहुत खास होता है। इसे भाग्य और सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। उड़द दाल का दान करने से घर में शांति और समृद्धि का वास होता है।
चना को भी भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण अनाज माना जाता है। चना का दान विशेष रूप से पुण्य प्राप्ति के लिए किया जाता है। यह अन्नकारक दान है जो घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास करता है। चना का दान करने से व्यक्ति के सभी कष्ट समाप्त होते हैं और जीवन में स्थिरता और आर्थिक प्रगति आती है।