Highlights:
- AI-आधारित निगरानी प्रणाली और उल्ट्रा-मॉडर्न टेक्नोलॉजी से पंजाब की जेलों को पूरी तरह मोबाइल और क्राइम-फ्री बनाने का लक्ष्य।
- मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने नए जेल और बैरकों के निर्माण से ओवरक्राउडिंग की समस्या सुलझाने की घोषणा की।
- कैदियों के पुनर्वास के लिए स्किल डेवलपमेंट और वोकशनल ट्रेनिंग पर जोर, जिससे जेलों को वित्तीय आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ाया जाएगा।
चंडीगढ़, 18 अक्टूबर, 2024: पंजाब सरकार ने जेल प्रबंधन और सुरक्षा को आधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए AI आधारित निगरानी प्रणाली और उल्ट्रा-मॉडर्न टेक्नोलॉजी अपनाने की योजना बनाई है। राज्य के जेल मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने जेल अधिकारियों के साथ अपनी पहली बैठक में जेलों को पूरी तरह क्राइम-फ्री और मोबाइल-फ्री बनाने के निर्देश दिए।
बैठक में भुल्लर ने कहा कि “आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग न केवल जेल सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि अवैध गतिविधियों और मोबाइल फोन के उपयोग पर भी लगाम लगाएगा।” उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे एडवांस्ड सर्विलांस सिस्टम की स्थापना में तेजी लाएं।
ओवरक्राउडिंग और नई जेलों का निर्माण
जेलों में भीड़भाड़ की समस्या का समाधान करने के लिए मंत्री भुल्लर ने नई जेलों और बैरकों के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने कहा, “नए बैरकों के निर्माण से कैदियों की बढ़ती संख्या को समायोजित करने में मदद मिलेगी।”
बैठक में मंत्री भुल्लर ने जेलों को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न उत्पाद निर्माण योजनाओं को लागू करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि जेलों में निर्मित उत्पादों से आर्थिक लाभ हासिल किया जा सकता है और कैदियों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
कैदियों के लिए पुनर्वास और कल्याणकारी योजनाएं
भुल्लर ने पुनर्वास कार्यक्रमों पर विशेष जोर देते हुए कहा कि कैदियों को स्किल डेवलपमेंट और वोकशनल ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी ताकि वे रिहाई के बाद समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य न केवल सजा देना है, बल्कि कैदियों को एक नई शुरुआत का मौका भी देना है।”
जेलों में स्वास्थ्य सुविधाओं और मानसिक कल्याण के लिए विशेष योजनाएं शुरू की जाएंगी। भुल्लर ने कहा कि जेलों में शैक्षिक कार्यक्रमों का विस्तार भी किया जाएगा ताकि कैदियों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाया जा सके।
मंत्री भुल्लर ने कहा कि वह मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से फंडिंग को लेकर चर्चा करेंगे ताकि जेल सुधार योजनाओं के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जा सकें।
जेल अधिकारियों की चुनौतियों पर चर्चा
बैठक में जेल अधीक्षकों ने ओवरक्राउडिंग, स्टाफ की कमी और संसाधनों की अनुपलब्धता जैसे मुद्दे उठाए। मंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार जल्द से जल्द इन समस्याओं का समाधान करेगी और दीर्घकालिक सुधार योजनाएं लागू करेगी।
लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि “हमारा लक्ष्य केवल जेल प्रबंधन को सुधारना नहीं है, बल्कि समाज में सकारात्मक योगदान देने वाले नागरिकों का निर्माण करना है।” उन्होंने भरोसा जताया कि जेल अधीक्षक और अधिकारी इस सुधार एजेंडे को सफलतापूर्वक लागू करेंगे।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव (जेल) अलोक शेखर, एडीजीपी प्रिज़न अरुण पाल सिंह, आईजी प्रिज़न आर.के. अरोड़ा, डीआईजी प्रिज़न सुरिंदर सिंह और राज्य की सभी जेलों के अधीक्षक शामिल थे।