Highlights:
- पंजाब सरकार ने किसानों के खातों में 22,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा की।
- 111 लाख मीट्रिक टन में से 105 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद प्रक्रिया पूरी।
- एक दिन में 6.18 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड लिफ्टिंग हुई।
चंडीगढ़, 7 नवंबर 2024: पंजाब सरकार ने इस साल धान खरीद सीजन में अपने प्रतिबद्ध रुख को दर्शाते हुए किसानों के हितों की रक्षा के लिए विशेष प्रयास किए हैं। फूड, सिविल सप्लाई एवं उपभोक्ता मामले मंत्री श्री लाल चंद कटारूचक ने बताया कि अब तक सरकार ने 22,047 करोड़ रुपये किसानों के खातों में जमा कर दिए हैं। राज्य की मंडियों में अब तक 111 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) धान की आवक हुई है, जिसमें से 105 एलएमटी की खरीद की जा चुकी है।
फूड सप्लाई मंत्री ने अनाज भवन में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए बताया कि इस खरीद सीजन में राज्य में लगभग 62% धान की लिफ्टिंग भी पूरी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को एक दिन में 6.18 लाख मीट्रिक टन धान की लिफ्टिंग की गई, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। कुल मिलाकर अब तक 64.55 लाख मीट्रिक टन धान उठाया जा चुका है।
धान खरीद में पंजाब का एक और सफल सीजन
लाल चंद कटारूचक ने बताया कि पंजाब में 5086 राइस मिलों में से 4792 मिलों ने धान आवंटन के लिए आवेदन किया है, जिनमें से 4579 मिलों को धान आवंटित किया गया है। यह साबित करता है कि यह पंजाब सरकार का लगातार छठा सफल खरीद सीजन बनने जा रहा है। इस बार पंजाब को 185 एलएमटी धान खरीदने का लक्ष्य मिला है, और राज्य सरकार ने 190 एलएमटी धान के लिए पूरे प्रबंध किए हैं, जिसमें बरदाना और वित्तीय सहायता शामिल है।
मंत्री ने बताया कि पिछले साल केंद्र सरकार ने किसानों की फसल पर मूल्य कटौती की थी, लेकिन पंजाब सरकार ने अपने खर्च पर 190 करोड़ रुपये का भुगतान करके किसानों को वित्तीय संकट से बचाया। राज्य सरकार ने राइस मिलरों को भी बड़ी राहत दी है, चाहे वह सीएमआर सुरक्षा का मुद्दा हो या अन्य कोई।
किसानों और अरथियों के हितों की सुरक्षा
राज्य सरकार ने इस बार यह सुनिश्चित किया है कि मंडियों में आने वाले किसानों की एक-एक फसल की खरीद की जाएगी। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान इस प्रक्रिया पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान दे रहे हैं ताकि किसानों, अरथियों और मिलरों के हितों की सुरक्षा की जा सके।
भंडारण स्थान की समस्या का समाधान करने के लिए भी सरकार ने केंद्र सरकार से पत्राचार किया है। मंत्री ने बताया कि भंडारण समस्या को हल करने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि पंजाब से अधिक मात्रा में चावल को उठाने के लिए रेक की संख्या को दोगुना किया जाए।
भाजपा पर निशाना, सीसीएल को लेकर सफाई
केंद्रीय कैश क्रेडिट (सीसीएल) के मामले में मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह फंड राज्य को किसानों से खरीदी गई फसल उठाने के बदले में दिया जाता है। यह कोई विशेष सुविधा नहीं है, बल्कि किसानों के अधिकार के तहत आता है। उन्होंने भाजपा नेताओं से अपील की कि वे इस मुद्दे पर राजनीति न करें और केंद्र सरकार पर दबाव बनाएं ताकि अधिक रेक पंजाब से चावल उठाने के लिए भेजी जा सके।
अब तक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने पंजाब में 18 लाख मीट्रिक टन के लिए भंडारण स्थान की व्यवस्था की है। मंत्री ने कहा कि एफसीआई को और अधिक प्रयास करने होंगे ताकि राज्य में और भंडारण स्थान उपलब्ध हो सके।
भविष्य में और मजबूती से बढ़ेगा खरीद अभियान
फूड सप्लाई विभाग के अधिकारी कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए इस सीजन को सफल बनाने में जुटे हैं। मंत्री ने उनकी सराहना की और भरोसा जताया कि इस सीजन के बाकी बचे समय में भी पंजाब सरकार का धान खरीद अभियान सफल रहेगा।
इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख सचिव विकास गर्ग, निदेशक पुनीत गोयल, अतिरिक्त निदेशक डॉ. अंजुमन भास्कर, और संयुक्त निदेशक अजयवीर सिंह साराओ सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।