अमृतसर :श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर सिंह बादल को उपचुनाव के दौरान राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने की छूट देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि बीती रात शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ के नेतृत्व में सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आया था। उन्होंने सुखबीर सिंह बादल को राहत देने की बात रखी। इसे लेकर आज श्री अकाल तख्त साहिब ने दीपावली के बाद इस मामले में आगे का फैसला लेने का ऐलान किया है। बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर बादल को तनखैया करार दे दिया था।
जिसके बाद से उनकी सजा पर फैसला होना था। अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने था कहा कि सुखबीर बादल एक साधारण सिख की तरह अकाल तख्त पर आकर अपने गुनाहों की माफी मांगें। सुखबीर बादल 15 दिन के भीतर अकाल तख्त पर अपना स्पष्टीकरण दें। जब तक वे खुद श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंच माफी नहीं मांगते, उन्हें तनखैया करार दिया जाता है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि इस पर फैसला दीपावली के बाद लिया जाएगा। 25 अक्टूबर यानी दो दिन बाद तक 4 विधानसभा चुनावों के नामांकन होंगे।
इससे ये साफ हो गया है कि सुखबीर बादल खुद चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। सिख पंथ के अनुसार कोई भी सिख अगर धार्मिक तौर पर कुछ गलत करता है तो उसे तनखैया करार दिया जाता है। इसका फैसला सिखों के सर्वोच्च तख्त श्री अकाल तख्त साहिब करते हैं। तनखैया घोषित होने के बाद व्यक्ति सिख संगत के समक्ष उपस्थित होकर अपनी गलती के लिए क्षमा मांग सकता है। तब सिख संगत की ओर से पवित्र श्री गुरू ग्रंथ साहिब की हाजिरी में उसके गुनाह की समीक्षा की जाती है। फिर उसी के हिसाब से उसके लिए दंड तय किया जाता है।