मोगाः जिले में 12वीं कक्षा में पढ़ती छात्रा से छेड़छाड़ मामले में मोगा पुलिस को लापरवाही करना महंगा पड़ गया। दरअसल, इस मामले में पुलिस द्वारा लापरवाही किए जाने को लेकर लड़की के पिता द्वारा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। जिसके बाद इस मामले में पुलिस अब विवादों में घिरती हुई दिखाई दे रही है। पीड़िता के वकील नवीन गोयल ने बताया कि हाईकोर्ट ने सीबीआई से 25 नवंबर को लिखित में जवाब मांगा है। पीड़ित पक्ष के वकील नवीन गोयल ने बताया कि मामले अनुसार 19 अप्रैल को 12वीं कक्षा की एक छात्रा से छेड़छाड़ का मामला घटित हुआ था।
पुलिस ने उस वक्त 4 युवकों पर केस दर्ज कर लिया था। लेकिन बाद में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने की बजाय उनका बचाव करना शुरू कर दिया था और कथित आरोपी पक्ष की ओर से मामले की दोबारा जांच अपने मनचाहे पुलिस अधिकारी के पास लगाकर मामले को रफा-दफा करने के लिए मामले की कैंसलेशन रिपोर्ट माननीय CJM अदालत में लगा दी। जिसके बाद मजबूरन छात्रा के पिता को हाईकोर्ट में एक रिट पटीशन दायर कर पुलिस द्वारा चालान पेश करने की गुहार लगानी पड़ी। इसी बीच माननीय हाईकोर्ट द्वारा एसएसपी मोगा को 14 अक्टूबर को इस संबंधी हाईकोर्ट में एक हलफनामा भी दाखिल करने को कहा गया था।
जबकि इसी बीच जांच अधिकारी एएसआई बूटा सिंह ने 7 अक्टूबर को सीजेएम कोर्ट में केस रद्द करने संबंधी कैंसिलेशन रिपोर्ट दाखिल की थी। लेकिन माननीय हाईकोर्ट ने इस बात का भी संज्ञान लेते हुए मोगा पुलिस को फटकार लगाई थी कि जब अदालत द्वारा केस की स्टेटस रिपोर्ट 14 अक्टूबर को मांगी गई थी, तो फिर पुलिस द्वारा 7 अक्टूबर को केस रद्द करने संबंधी कैंसिलेशन रिपोर्ट क्यों पेश की गई।
इस मामले में पुलिस ने लापरवाही बरती थी, तो हाईकोर्ट ने ये मामला सीबीआई को भी सौंप दिया था। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने कैंसिलेशन रिपोर्ट पर निचली अदालत को फैसला देने लेने पर भी रोक लगाई है। वकील नवीन गोयल ने बताया कि इसके बाद 7 नवंबर को केस की सुनवाई के दौरान एसएसपी मोगा पेश हुए थे। अब कोर्ट में अगली सुनवाई 25 नवंबर को है और इस तारीख़ को माननीय अदालत ने एसपी हेड क्वार्टर को केस के सारे रिकार्ड के साथ तलब किया है। हाईकोर्ट ने इस मामले को लेकर पुलिस अधिकारी के साथ सीबीआई को भी 25 नवंबर को अपनी लिखित प्रतिक्रिया देने को कहा है।