लुधियानाः राधा स्वामी सत्संग ब्यास ने ऐतिहासिक वीआईपी कल्चर को लेकर ऐतिहासिक निर्णय लिया। जिसमें राधा स्वामी सत्संग ब्यास ने अपने केंद्रों में वीआईपी कल्चर को खत्म कर दिया है। इसका उद्देश्य संगत में सभी को समान महत्व देना और आध्यात्मिक एकता को प्रोत्साहित करना है। पहले सत्संग के दौरान वीआईपी के लिए विशेष बैठने की व्यवस्था और पास जारी किए जाते थे। नए नियमों के अनुसार सभी श्रद्धालु एक समान स्थान पर बैठेंगे और किसी भी प्रकार का विशेषाधिकार नहीं होगा।
संगत ने इसे एक सराहनीय कदम बताया है। संगत का कहना है कि यह बदलाव सभी को समानता और एकजुटता का अनुभव कराएगा। बता दें कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) ने 2 अगस्त को अपना नया उत्तराधिकारी की घोषणा कर दी थी। आध्यात्मिक सत्संग संगठन का नया प्रमुख जसदीप सिंह गिल को बनाया गया है। इससे पहले संगठन के प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों थे। राधा स्वामी सत्संग ब्यास की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, अब जसदीप सिंह गिल राधा स्वामी सत्संग ब्यास के नए सतगुरु के रूप में आध्यात्मिक नेता की भूमिका निभाएंगे। वह अब गुरु दीक्षा दे सकेंगे।
बीते कुछ वर्षों से गुरिंदर सिंह ढिल्लों कैंसर की बीमारी का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा वह हृदय रोग से भी पीड़ित हैं। इसी वजह से उन्होंने राधा स्वामी सत्संग ब्यास का नया प्रमुख जसदीप सिंह गिल को बनाया गया। जसदीप सिंह गिल की उम्र 45 साल है। उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से केमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की है। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उनके पिता का नाम सुखदेव सिंह गिल है। उन्होंने गिल सिपला में मुख्य रणनीति अधिकारी और वरिष्ठ प्रबंधन कार्मिक के रूप में अपनी भूमिका निभाई है।